Wardha Lockdown

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    • सिर्फ जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानें शुरू रहेंगी
    •  निवासी उप जिलाधिकारी प्रा. संजय खड़से
    •  बिना कारण घूमनेवालों पर कार्रवाई- पुलिस अधीक्षक जी.श्रीधर

    अकोला. अब फिर एक मई तक 15 दिनों का लाकडाउन शहर तथा जिले में शुरू है. जिला प्रशासन के अनुसार राज्य सरकार ने जो संचारबंदी का कार्यक्रम घोषित किया है. उस पर ही जिला प्रशासन अमल करेगा. आज बातचीत के दौरान निवासी उप जिलाधिकारी प्रा. संजय खडसे ने बताया कि सभी जीवनावश्यक वस्तुओं के प्रतिष्ठान जैसे अनाज, किराणा, फल, दूध, सब्जी, मेडिकल शुरू रहेंगे. सभी अस्पताल, दवाखानें भी शुरू रहेंगे. लेकिन संचारबंदी दिन और रात दोनों समय जारी रहेगी.

    इसी तरह सभी सिनेमाघर, सभागृह, स्विमिंग टैंक, धार्मिक स्थल, हेयर सलून, शाला, महाविद्यालय, कोचिंग क्लासेस पूरी तरह से बंद रहेंगे. इसी तरह सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, न्यायालय आदि शुरू रहेंगे. होटलों में सिर्फ पार्सल सेवा शुरू रहेगी. जहां तक हो सके बिना कारण घरों से बाहर न निकलें यह भी उन्होंने कहा.

    बिना कारण घूमनेवालों पर कार्रवाई- पुलिस अधीक्षक जी.श्रीधर

    जिला पुलिस अधीक्षक जी.श्रीधर से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि शहर तथा जिले में विभिन्न त्यौहारों को देखते हुए पहले ही कड़ा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है. इसी तरह कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 14 अप्रैल रात 8 बजे से संचारबंदी लगाई गई है. इसी तरह नागपुर और अमरावती से एसआरपी के दल भी यहां पहुंच गए हैं. संवेदनशील स्थानों पर पुलिस तैनात है.

    ड्रोन कैमरे द्वारा भी लोगों पर नजर रखी जा रही है. पुलिस की गश्त भी बढ़ा दी गई है. उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि जहां तक हो सके अत्यावश्यक कार्य से ही घरों से बाहर निकलें. बिना कारण सड़कों पर घूमनेवालों पर अकोला पुलिस कार्रवाई करेंगी. उन्होंने सभी से अपील की है कि सभी लोग लाकडाउन के नियमों का पालन करें.

    व्यापारियों में नाराजी

    शहर तथा जिले में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पहले 5 अप्रैल से जिला प्रशासन ने मिनी लाकडाउन लगाया था. तब से किराणा, अनाज, फल, सब्जी, दूध, मेडिकल आदि के प्रतिष्ठान ही खुले हैं. इसके अलावा सभी वस्तुओं के प्रतिष्ठान बंद हैं. इस समय शादी, ब्याह का सीजन शुरू है. और कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, सोने चांदी के गहने तथा अन्य वस्तुओं के प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं. शहर तथा जिले में जीवनावश्यक वस्तुओं के अलावा सभी प्रतिष्ठान 5 अप्रैल से बंद हैं.

    उस पर अब 1 मई तक 15 दिनों का और लाकडाउन घोषित किया गया है. व्यापारियों का कहना है कि पहले ही करीब करीब एक वर्ष लाकडाउन में चला गया. उसके बाद फिर मिनी लाकडाउन और अब 15 दिनों का और लाकडाउन इस परिस्थिति में कैसे काम करें. व्यापारियों का कहना है कि सरकार द्वारा सभी तरह के टैक्स व्यापारियों से लिए जा रहे हैं.

    उसमें किसी भी प्रकार की रियायत नही है. इस परिस्थिति में अब व्यापार करना मुश्किल हो गया है. सभी का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है. इस पर व्यापरियों द्वारा पूरा अमल किया जा रहा था. लाकडाउन यह समस्या का समाधान नही है. यह मत अनेक व्यापारियों ने प्रकट किया.

    अनेक लोगों में नाराजी

    पहले मिनी लाकडाउन और अब 15 दिनों का लाकडाउन इसे लेकर लोगों ने भी गहरी नाराजी प्रकट की है. आज अनेक लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि यदि उनके यहां किसी का विवाह है तो क्या गहने, कपड़े, बरतन जरूरी नहीं हैं. क्या इलेक्ट्रानिक वस्तुएं आवश्यक नहीं हैं. एक वरिष्ठ नागरिक ने अपना दुख प्रकट करते हुए कहा कि 5 अप्रैल से जनरल वस्तुओं के बड़े प्रतिष्ठान बंद हैं. उन्होंने बताया कि उनकी कान की मशीन के सेल बड़े प्रतिष्ठान में ही मिलते हैं.

    क्या हम लोगों के लिए कान की मशीन जरूरी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कई चीजें जीवन में बहुत जरूरी हैं. लेकिन सरकार की नजर में वे जीवनावश्यक वस्तुओं में नहीं आती हैं. इस तरह शहर के आम लोगों में भी इस बंद को लेकर गहरी नाराजी है. लोगों का कहना है कि सुबह किराणा आदि वस्तुओं के साथ साथ कम से कम चार घंटों के लिए सभी प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति देनी चाहिए थी.

    सरकार खुद भ्रमित है- विधायक रणधीर सावरकर

    अकोला पूर्व क्षेत्र के विधायक रणधीर सावरकर से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि हम लोगों ने इस लाकडाउन का बहुत विरोध किया लेकिन सरकार के कुछ भी समझ में नहीं आया. यह किस तरह का लाकडाउन है. इस बारे में राज्य सरकार खुद भ्रमित है. वह खुद नही समझ पा रही है कि वह क्या कर रही है. अब इस बारे में कुछ भी कहना बेकार है. इस सरकार का आम लोगों की तकलीफों से कोई लेना देना नहीं हैं.