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    • पार्षद वर्षा बगाडे
    • 11 करोड़ रू. की पानी योजना को किया बाय कॉट

    पातुर. नगर परिषद में 20 जनवरी को सभा ली गयी. जिसमें 11 करोड़ रू. की निर्मल सुजल योजना का विषय बाय कॉट किया गया. इस संबंध में पार्षद वर्षा बगाडे नाराजगी व्यक्त कर मुख्याधिकारी सोनाली यादव तथा नगराध्यक्षा प्रभा कोथलकर को 11 फरवरी को निवेदन देकर आगामी 15 दिनों में निर्मल सुजल योजना पूरी करें, अन्यथा न्याय प्रणाली द्वारा कानूनी कार्रवाई करने की सूचना दी. शहर में पीने का पानी मिलने के लिए सरकार ने नगर पालिका को 11 करोड़ रू. की धनराशि दी है.

    20 जनवरी को नगर पालिका सभा ली गयी. जिसमें 11 करोड़ रू. के निर्मल सुजल योजना का विषय लेने की आवश्यकता थी, लेकिन यह विषय नजर अंदाज करने का आरोप किया. इतना ही नही तो शहर में पीने के पानी की किल्लत ना हो इसलिए सरकार ने 11 करोड़ रू. की निधि दी है, लेकिन 9 साल होने के बाद भी यह योजना अधर में लटकी हुई है.

    इस योजना के ठेकेदार हमेशा अवधि बढ़ा कर मांगते है. अवधि मांग ने पर नगर पालिका द्वारा प्रतिदिन दस हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना ठेकेदार को था. आज लगभग डेढ़ करोड़ रू. के आस पास जुर्माने की राशि होने पर भी एक रुपया जुर्माना ठेकेदार ने नगर पालिका में नही भरा है. 11 करोड़ रू. की धनराशि खर्च करने पर भी 9 साल के बाद भी शहरवासियों को पीने का पानी मिला नही.

    इतना महत्त्वपूर्ण विषय होने के बाद भी इस जलापूर्ति योजना के विषय को बायकॉट कर ठेकेदार को अभय देने का काम नगर पालिका मुख्याधिकारी, नगराध्यक्षा ने करने का  आरोप पार्षद वर्षा बगाडे ने निवेदन में किया है. इस योजना के ठेकेदार की अनामत राशि जब्त कर जुर्माने की डेढ़ करोड़ की राशि वसूल कर इस योजना का बचा हुआ काम दूसरे ठेकेदार को देकर पानी योजना को पूरा करने को कहा है.

    इतने महत्वपूर्ण विषय को बायकॉट करने से चिंता व्यक्त करते हुए आनेवाले 15 दिनों में निर्मल सुजल योजना का विषय सभा में लेकर सुलझाए अन्यथा नगर पालिका मुख्याधिकारी तथा पदाधिकारी नगराध्यक्ष के खिलाफ न्यायालयीन कार्रवाई करने की सूचना निवेदन में वर्षा बगाडे ने दी है.