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  • अकोला तहसील में सर्वाधिक
  • बालापुर तहसील में सबसे कम कोरोना बाधित गांव

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अकोला. मार्च माह से अकोला शहर व जिले के विविध भागों में कोरोना संक्रमण का संकट शुरु हो गया था. इस संकंट को रोकने के लिए उपाय योजनाएं की गयी. अकोला जिले के 564 गांवों में नागरिकों की सतर्कता से व उपाय योजनाओं से कोरोना संकट प्रवेश नहीं कर सका. 7 अप्रैल को अकोला में कोराना का प्रथम मरीज पाए जाने पर आज तक के सात माह में जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 7,500 से अधिक हो गयी तथा 250 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. ऐसी स्थिति में जिले के 564 गांव ऐसे हैं जहां एक भी मरीज कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया. इतना ही नहीं इन गांवों के लोगों में कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए. अब अकोला जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या धीरे धीरे कम हो गयी है लेकिन मृत्यु दर बढ़ रहा है. इस कारण जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग चिंताग्रस्त है. फिर भी जिले के 564 गांवों में कोरोना के संदर्भ में किसी भी तरह की कोई हलचल न होना यह अकोला जिले में उल्लेखनीय बात रहेगी. 

अकोला जिले में 535 ग्राम पंचायतें और 836 गांव हैं. इन ग्राम पंचायतों में से 232 ग्राम पंचायतें और कुल गांवों में 32.54 प्रतिशत अर्थात 272 गांवों में कोरोना की एन्ट्री हुई है. लेकिन 564 गांवों में सतर्कता बरतते हुए गांव के प्रवेश स्थल पर ही कोरोना को रोकने में सफलता प्राप्त की है. जिन गांवों में कोरोना की एन्ट्री हुई है उन गांवों के 1,847 व्यक्तियों को कोरोना संक्रमण हुआ है. 

अकोला तहसील में सबसे अधिक और बालापुर तहसील में सबसे कम कोरोना संक्रमण देखा गया. अकोला तहसील के 97 ग्राम पंचायतों में से 47 ग्राम पंचायत अंतर्गत 60 गांव कोरोना संकट से घिर गये हैं. बालापुर तहसील के 66 में से 29 ग्राम पंचायत अंतर्गत 30 गांव कोरोना संक्रमित हुए हैं. इसी तरह अकोट तहसील के 148 गांवों में से 103 गांव कोरोना मुक्त हो चुके हैं. बार्शीटाकली तहसील के 119 में से 87 गांव, मुर्तिजापुर तहसील के 144 में से 96 गांवों में कोरोना को रोकने में सफलता मिली है. पातुर तहसील के 84 गांवों में से 59 गांव, तेल्हारा तहसील के 98 में से 66 गांव कोरोना संक्रमण से कोसों दूर हैं. जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सतर्कता बरतते हुए कोरोना को रोकने में सफलता हासिल कर यंत्रणा को सहयोग करनेवाले गांव के सरपंच, ग्रामसेवक और वरिष्ठ नागरिकों का गुलाब पुष्प प्रदान कर सत्कार किया जाना चाहिए.