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अकोला. सोमवार 21 सितंबर से राज्य सहित अकोला में भी जिला व सत्र न्यायालय का कामकाज दो सत्रों में शुरु होगा. स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश की सुविधा के अनुसार यह निर्णय लिया जाय यह आदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए हैं. पिछले कई दिनों से सीमित न्यायाधीश व कर्मचारियों की उपस्थिति में न्यायालयीन कामकाज शुरु है. लेकिन 21 सितंबर से जिला व सत्र न्यायालय में मानव बलों का प्रतिशत बढ़ाया जा रहा है. न्यायालय के सभी विभाग शुरु रहेंगे. दोनों सत्रों में सभी न्यायाधीशों की उपस्थिति तथा न्यायालयीन कर्मचारियों की 50 प्रश उपस्थिति रोटेशन पद्धति से रहेगी.

न्यायाधीशों के प्रथम सत्र का कामकाज सुबह 10.30 से 1.30 बजे तक तथा द्वितीय सत्र का कामकाज 2.30 से 5.30 बजे तक रहेगा. न्यायालयीन कर्मचारियों के प्रथम सत्र का कामकाज सुबह 10 से 1.45 और द्वितीय सत्र का कामकाज दोपहर 2 से 5.45 बजे तक रहेगा. लेकिन इसमें महत्वपूर्ण एवं शीघ्र प्रकरणों पर सुनवाई होगी. जहां पर एक ही न्यायालयी है वहां सुबह का सत्र लिये जाने के आदेश उच्च न्यायालय ने जारी किए हैं. न्यायालयीन कामकाज दो सत्रों में किए जाने से प्रलंबित मामलों की सुनवाई पूरी होने तथा शीघ्र निर्णय दिये जाने की संभावना बढ़ गयी है. न्यायालय में भीड़ न हो इसके लिए सोशल डिस्टेन्सिंग नियमों का पालन कर न्यायालयीन कामकाज किया जाएगा. 

महिलाओं की सुरक्षा, घरेलू हिंसा अधिनियम, सत्र न्यायालय या विशेष न्यायालय में जहां एक या अधिक आरोपी तीन वर्ष या इससे अधिक समय तक कब्जे में है ऐसे प्रकरणों, यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम 2012, महाराष्ट्र निवेशकों के हितों की सुरक्षा, महाराष्ट्र संगठित आपराधिक नियंत्रणक कानून 1999, भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून, मनी लॉन्ड्रिंग के समान प्रकरण सहित महत्वपूर्ण फौजदारी मामलों को न्यायालय में चलाया जाएगा.