bird flu
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अकोला. जिले में कौवे, गौरैया, तोते और कबूतरों की अचानक मौत से नागरिकों में भय का माहौल पैदा हो गया है. बुधवार की सुबह जि.प. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ कटियार के निवास स्थान के समीप कौवे मृतावस्था में पाए जाने से खलबली मची. इसलिए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निवास से 10 किमी के दायरे में एक क्षेत्र को सतर्कता क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है. इस मामले में मृत पक्षियों के नमूनों को जांच के लिए चिकित्सा प्रयोगशाला भेजा गया है.

बर्ड फ्लू के प्रकोप को लेकर जहां लोगों में संशय था, वहीं 19 जनवरी को इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट वेटरनरी मेडिसिन एंड वेटरनरी साइंस ने चिकन और अंडे खाकर जन जागरूकता अभियान चलाया है. इसके बाद बुधवार की सुबह यह घटना हुई, जिससे नागरिकों में दहशत फैल गई. मुख्य कार्यकारी अधिकारी कटियार के साथ, राम हिंगणकर के घर के आंगन में दो गौरैया भी मृत पाई गईं. मृत गौरैया के सैंपल भी जांच के लिए यहां भेजे गए हैं. हालांकि वर्तमान में जिले में बर्ड फ्लू का प्रकोप नहीं है, लेकिन प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पशुपालकों से सतर्क रहने की अपील की है.

सतर्कता का आहवान

बर्ड फ्लू के प्रकोप की पृष्ठभूमि पर जिले में चार स्थानों पर मृत पक्षियों की खोज के बाद, रोग जांच विभाग, पुणे के माध्यम से मृत पक्षियों के नमूने राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु चिकित्सा संस्थान, भोपाल भेजे गए हैं. जिलाधिकारी जीतेंद्र पापलकर ने इन नमूनों की रिपोर्ट मिलने तक क्षेत्र को सतर्क क्षेत्र घोषित करने के आदेश जारी किए हैं.

क्षेत्रों का समावेश

घोषित किए गए सतर्क क्षेत्रों में मुर्तिजापुर तहसील का हातगांव स्थित राम हिंगणकर का निवास स्थान, अकोला तहसील के ग्राम चाचोंडी स्थित डा.चिकटे का पोल्ट्री फार्म, अकोट तहसील के ग्राम चोरवड स्थित बालू पोटे का पोल्ट्री फार्म व जि.प. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का निवास स्थान आदि क्षेत्रों का समावेश हैं. 

यह हैं आदेश 

प्रभावित क्षेत्र को 2% सोडियम हाइड्रॉक्साइड या पोटेशियम परमैंगनेट के साथ कीटाणुरहित किया जाए, प्रभावित क्षेत्रों में पोल्ट्री फार्मों में काम करने वाले लोगों के लिए फेस मास्क और दस्ताने पहनना भी अनिवार्य है. उपयोग किए गए मास्क और दस्ताने को ठीक से निपटाना चाहिए. यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रभावित क्षेत्र में कोई अन्य जानवर या पक्षी पोल्ट्री फार्म में प्रवेश न करें. आदेश में कहा गया है कि प्रभावित क्षेत्र में पोल्ट्री फार्म में पक्षियों से संबंधित सभी आवश्यकताओं को अद्यतित और क्रम में रखा जाना चाहिए.