सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की इमारत, प्रशासन कब्जे में लेकर कोरोना वार्ड शुरु करने की मांग

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अकोला. मरीजों की सेवा करने के लिए आवश्यक पदों को अब तक राज्य सरकार द्वारा मंजूरी न मिलने से अकोला सहित औरंगाबाद, लातुर और यवतमाल के सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की समस्या कायम है. अकोला में लगभग 150 करोड़ रु. खर्च कर निर्मित सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल कोरोना संकट के समय शोपीस बनकर रह गया है. अकोला में सरकारी चिकित्सा मवि व सर्वोपचार अस्पताल के रहते सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की जीद क्यों? यह सवाल अकोला के नागरिक उठा रहे हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अकोला सहित राज्य में चार सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटलों को मंजूरी दी गयी थी और करोड़ों रुपयों की निधि भी मंजूर की गयी. अकोला सहित चारों गांवों में इमारत बनकर तैयार है लेकिन आवश्यक पदों को अब तक मंजूरी नहीं दी गयी है. अकोला में इमारत का निर्माण कार्य शुरु रहते कुछ चिकित्सा उपकरण भी लाये गये लेकिन इस्टालेशन के लिए आवश्यक तंत्रज्ञ उपलब्ध न होने से यह करोड़ों रुपयों के उपकरण पड़े हुए हैं. 

सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में कैन्सर, किडनी, एंडोक्राइनोलॉजी, कार्डियालॉजी, सीटीवीएस, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी आदि अन्य विविध बीमारियों का तकनीकी उपचार संभव होगा. इसके अतिरिक्त ब्लाक व ट्रामा सेंटर, अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होगी. लेकिन जब तक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल शुरु नहीं किया जाता तब तक सुविधा मरीजों को नहीं मिलेगी. 

जिले में कोविड समर्पित अस्पतालों और कोविड केअर सेंटरों में 2,600 से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था है फिर भी सर्वोपचार अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए आरक्षित सभी 450 बिस्तरों पर मरीज दिखाई दे रहे हैं. बिस्तरों की संख्या कम रहने से जिला महिला अस्पताल की नई इमारत और आयुर्वेद अस्पताल की मदद मरीजों के लिए ली जा रही है. जिला प्रशासन को चाहिए कि सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल की इमारत कब्जे में लेकर कोरोना वार्ड की स्थापना की जाना जरुरी है. यह मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है.