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  • किसान आर्थिक संकट में, 
  • दिसंबर में अंतिम पैसेवारी पर किसानों की नजर

अकोला. सरकार के आदेश पर राजस्व विभाग द्वारा अकोला जिले में घोषित की जानेवाली पैसेवारी औसत 70 प्रतिशत तक बतायी जाने के बाद किसान मुश्किल में आ गए हैं. इस माह के शुरु से कई दिनों तक हो रही लगातार बारिश के कारण सैकड़ों किसानों की फसलें खराब हो गयी. खेतों में पानी जमा हो गया. जिले के कई गांवों में गीला अकाल रहा.

जिले के कुल 990 गांवों में नजरअंदाज पैसेवारी 50 प्रश से अधिक आने पर जिन किसानों का नुकसान हुआ है उन्हें नुकसान भरपाई मिलेगी या नहीं इस संदर्भ में किसान चिंतित हो रहे हैं. नजरअंदाज पैसेवारी के बाद सुधारित और दिसंबर माह में अंतिम पैसेवारी घोषित की जाएगी.

यदि उस समय 50 पैसे से कम पैसेवारी आने पर नुकसान भरपाई देने का विचार किया जाएगा लेकिन आज अकोला जिले में औसतन पैसेवारी 70 प्रश बतायी जाने से गीले अकाल में अटके किसानों को नुकसान भरपाई मिलने की संभावना दिखाई नहीं देती, जिसके कारण किसान आर्थिक संकट में आ गए हैं. दो सप्ताह पूर्व भारी वर्षा के कारण अकोला जिले के कई गांवों के किसानों की फसलों का काफी नुकसान हुआ है. मूंग, उड़द, सोयाबीन आदि फसलें खराब हो चुकी हैं.

कपास पर बोंड इल्लियों का आक्रमण छाया हुआ है. अधिक बुआई किए जाने के बावजूद कपास और सोयाबीन का उत्पादन कम होने की आशंका किसानों द्वारा व्यक्त की जा रही है. अब यह सवाल उठाया जा रहा है कि 990 गांवों में पैसेवारी गीले अकाल के बावजूद 50 पैसों से अधिक कैसे आयी. सरकार किसानों को मदद करना चाहती है या नहीं इस बारे में किसान संभ्रमित है. पैसेवारी अधिक रहने पर फसलें बेहतर रहना यह बताया जाता है.

दूसरी ओर इस वर्ष नकली सोयाबीन बीज के कारण किसानों के साथ ठगी की गयी. कई फसलें रोग से खराब हो गयी. इस बार खरीफ मौसम में भारी वर्षा के कारण सबसे अधिक नुकसान अकोट तहसील में हुआ और सैकड़ों हेक्टेयर कपास की फसल हाथ से निकल गयी. मुर्तिजापुर, तेल्हारा, बार्शीटाकली, बालापुर, पातुर तहसीलों में भी फसलों का काफी नुकसान हुआ है.

किसानों द्वारा मदद की अपेक्षा की जा रही है. लेकिन पैसेवारी 70 प्रश तक बतायी जाने से किसान परेशान हो गए हैं. दिसंबर माह में सुधारित पैसेवारी घोषित किए जाने के बाद किसानों को मदद मिलेगी या नहीं इस संदर्भ में किसान चिंतित है. अकोला जिले में सातों तहसीलों में कुल मिलाकर 1012 गांव है जिसमें से 990 गांवों में किसानों द्वारा उनके खेतों में बुआई का काम किया गया है.

इन सभी 990 गांवों में औसतन 70 प्रतिशत पैसेवारी घोषित की गयी जिसमें अकोला तहसील में 67, अकोट 73, तेल्हारा 70, बालापुर 72, पातुर 73, मुर्तिजापुर 68, बार्शीटाकली तहसील में 70 प्रतिशत पैसेवारी घोषित किए जाने से किसानों की चिंता बढ़ गयी है.