File Photo
File Photo

    Loading

    • सभी कंपनियों के पास बीज की कमी
    • घट सकता है सोयाबीन की बुआई का क्षेत्र

    अकोला. फिलहाल जिले में दो दमदार बारिशें हो गई हैं. अभी किसानों को और अच्छी बारिश का इंतजार है. लेकिन सभी किसानों ने बहुत ही तेज गति से खरीफ फसलों की बुआई की तैयारियां शुरू कर दी हैं. डा.पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि समुचित बारिश हो जाने के बाद ही खेतों में बुआई करें क्यों कि बुआई के बाद यदि बारिश में विलंब होता है तो फसलें खराब नहीं होती हैं और खेतों में नमी बनी रहती हैं. इसलिए इस समय किसान खेतों की सफाई के साथ साथ खेतों को ठीक करने में लगे हैं. 

    सभी कंपनियों के पास बीज की कमी

    अभी तक सभी किसानों को महाबीज के सोयाबीन के बीज नहीं मिल रहे थे, फिर किसान अधिक दाम देकर दूसरी कंपनियों के सोयाबीन के बीज खरीदने में लगे थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार अब दूसरी कंपनियों के सोयाबीन के बीज भी समाप्ती की ओर हैं. जबकि किसान महाबीज की तुलना में अन्य कंपनियों के सोयाबीन के बीज अधिक कीमतों में खरीदने लगे थे. जिले में सोयाबीन की बुआई काफी बढ़ गई है.

    प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 लाख 90 हजार हेक्टेयर जमीन में से आधी जमीन पर सोयाबीन की बुआई की जाती है. कुछ किसानों को यह भी कहा जाता है कि यदि सोयाबीन के बीज खरीदना है तो अन्य बीज भी लेने पड़ेंगे. पिछले वर्ष खरीफ फसलों की बुआई के बाद काफी समय तक बारिश न होने से फसलों की बाढ़ रूक गई थी उसके बाद लगातार बारिश हुई और वापसी की बारिश ने फसलों का नुकसान कर दिया.

    शायद इसी कारण से महाबीज के साथ साथ अन्य निजी कंपनियों के पास सोयाबीन के बीज के कमी देखी जा रही है. अब जैसे जैसे बुआई का समय नजदीक आ रहा है किसानों की स्थिति खराब होती जा रही है. 

    घट सकता है सोयाबीन की बुआई का क्षेत्र

    इस बार सोयाबीन के बीज की काफी कमी देखी जा रही है. लेकिन अधिक दाम देने के बाद भी किसानों को बीज उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. किसान सोयाबीन के बीज के लिए इधर उधर भटक रहे हैं. किसानों का ध्यान बारिश की ओर भी लगा हुआ है. कभी भी अच्छी बारिश होने के बाद किसानों को बुआई का काम शुरू करना पड़ सकता है.

    सबसे पहले किसान सोयाबीन की बुआई करते हैं. जिन किसानों को सोयाबीन के बीज उपलब्ध नहीं हो पाए तो वे अन्य फसलों की बुआई कर सकते हैं, यह देखकर ऐसा लगता है कि इस वर्ष सोयाबीन की बुआई घट सकती है. उस पर किसानों को यह भी चिंता है कि उन्हें जो बीज मिल रहे हैं वह अच्छी क्वालिटी के हैं कि नहीं.