अकोला. इस वर्ष मानसून की बारिश समय पर आने के बाद किसानों में यह उम्मीद जगी थी कि इस वर्ष बुआई का काम जल्द शुरू किया जाएगा और उत्पादन भी बढ़ने की संभावना रहेगी. लेकिन जून के प्रथम सप्ताह में केवल तीन दिन अपर्याप्त बारिश हुई, इसके बावजूद कई किसानों ने अपने खेतों में बुआई कार्य किया. दूसरे सप्ताह में 15 दिनों तक बारिश न होने से किसान परेशान हो गए.
करनी पड़ी दोबारा बुआई
कई किसानों को अपने खेतों में दुबारा बुआई करनी पड़ी. इसके अतिरिक्त कई किसान नकली बीजों के कारण भी परेशान रहे और उनपर दोबारा बुआई करनी पड़ी. पिछले कुछ दिनों से अकोला जिले के सातों तहसीलों में बारिश तो हो रही है लेकिन बारिश की गति काफी कम है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बारिश अधिक हुई है. लेकिन बोई गई फसल के अनुसार बारिश न होने से किसान चिंताग्रस्त हो गये..
बार्शीटाकली में सबसे कम बारिश
मौसम विभाग के अनुसार भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई थी लेकिन जिले में अन्य जिलों की तुलना में बारिश रुक-रुक कर और कम हो रही है. इस बार पातुर तहसील में सबसे अधिक और बार्शीटाकली तहसील में सबसे कम बारिश हुई है. अकोला जिले में अब तक बारिश का औसत 348 मि.मी. तक हुआ है. अधिकतर खेतों में फसलें लहरा रही है लेकिन कई किसानों की मूंग फसल कीट प्रकोप के चलते खतरे में है.
सरकार से मदद की मांग
जिले में 4,000 से अधिक किसानों को नकली बीज दिए जाने की शिकायतें संबंधित विभाग को मिली है. मूंग की फसल पर करपा बीमारी का खतरा बना हुआ है. नुकसानग्रस्त किसानों द्वारा सरकार से मदद की मांग की जा रही है. कई किसानों को आज भी बारिश का इंतजार है.