- शीघ्र ही अनुमति दी जाय
- गरबा महोत्सव मंडलों की मांग
अकोला. आगामी कुछ दिनों बाद नवरात्रि उत्सव शुरु हो रहा है. मातृशक्ति के 9 दिनों में सांस्कृतिक गरबा उत्सव परंपरा को बनाए रखना आवश्यक है. शहर में हॉटेल्स, एसटी बसें, रेलवे आदि शुरु किए गए हैं. लेकिन धार्मिक उत्सवों को अनुमति कब दी जाएगी इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. कोरोना महामारी का कारण बताकर धार्मिक उत्सवों को रोका जा रहा है. यह देवी भक्तों और गरबा प्रेमी भक्तों पर एक तरह से अन्याय है. सरकार को चाहिए कि वे शीघ्र ही धार्मिक स्थलों को शुरु करें. माता शक्तिपीठ यह नवरात्रि के दिनों में जागृत तिर्थ माने जाते हैं.
जहां हजारों भक्तगण दर्शनार्थ आते हैं. फिर भी न्यूनतम 50 व्यक्तियों के ग्रुप को सोशल डिस्टेन्सिंग नियमों का पालन करने के साथ ही सरकार गरबा पर्व को अनुमति दें, यह मांग गरबा महोत्सव मंडलों द्वारा सरकार से की जा रही है. राज्य में शराब की दुकानें पूरी खुल चुकी हैं. एसटी बसें दौड़ रही है और अब 15 अक्टूबर से रेलवे सिनेगृह भी शुरु होने की संभावना है. तो फिर धार्मिक कार्यक्रमों पर पाबंदी क्यों, यह सवाल भक्तों द्वारा उठाया जा रहा है.
अकोला महानगर में विगत 150 वर्षों से गरबा संस्कृति की परंपरा कायम है. वर्तमान समय में कोरोना का असर कम होते दिख रहा है. इस कारण 50 व्यक्तियों के ग्रुप को गरबा महोत्सव आयोजित करने की अनुमति देने की मांग बढ़ रही है. स्थानीय न्यू राधाकिसन प्लाट स्थित अम्बा माता मंदिर के पारंपरिक गरबा उत्सव को 125 वर्ष पूरे हो चुके हैं. इसी तरह अकोला के रेलवे स्टेशन मार्ग पर स्थित पूराना पूर्ति बाजार की गलि में लोहाणा विद्यार्थी भवन, खोलेश्वर, मालीपुरा, संतोषी माता मंदिर से गौरक्षण रोड स्थित नवयुवक नवदुर्गा उत्सव के गरबा संस्कृति तक कई मंडल निर्मित हुए हैं और वे गरबा संस्कृति विकसित करने का कार्य कर रहे हैं.
विशेष रुप से अकोला में अ.भा. गुजराती समाज मंडल का गरबा महोत्सव स्थानीय मुंगीलाल बाजोरिया विद्यालय के प्रांगण में हजारों की उपस्थिति में अब तक आयोजित किया जा रहा था. इसी तरह स्थानीय मेहरबानू कालेज का गरबा, जीएस कॉन्वेंट का गरबा, जलाराम मंदिर परिसर में महिलाओं का गरबा, इसी तरह गौरक्षण मार्ग पर स्थित एकविरा देवी मंदिर परिसर में नवयुवक नवदुर्गा मंडल का गरबा, अम्बा माता मंदिर का गरबा आदि विविध स्थानों पर नवरात्रि के दिनों में गरबा का आयोजन कर देवी मां के प्रति अपनी आस्था प्रकट की जाती है. सरकार को चाहिए कि वे अन लाकडाउन 5 में अब धार्मिक स्थलों को शुरु कर नवरात्रि के दिनों में गरबा उत्सव का आयोजन करने की अनुमति देने के साथ ही सीमित लोगों को शामिल होने की अनुमति दें यह मांग भक्तों द्वारा उठायी जा रही है.