जिला परिषद की सर्वसाधारण सभा हुई, पिछड़ा वर्ग बस्ती व दुधारु मवेशियों का मुद्दा गूंजा

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अकोला. पिछड़ा वर्ग बस्ती सुधार योजना और दुधारु मवेशियों का मुद्दा जिला परिषद की सर्वसाधारण सभा में काफी गूंजा, इस बीच रास्ता दुरुस्ती कार्यक्रम के अंतर्गत रास्तों के 33 कार्य कायम रखते हुए मंजूर किए गए तीन नये कार्य रद्द करने का प्रस्ताव जि.प. की ऑनलाइन सर्वसाधारण सभा में मंजूर किया गया. जि.प. अध्यक्षा प्रतीभा भोजने की अध्यक्षता में आयोजित सभा में जि.प. के सीईओ सौरभ कटियार, अतिरिक्त सीईओ डा.सुभाष पवार, उपाध्यक्षा सावित्री राठोड़, शिक्षा व निर्माण कार्य विभाग के सभापति चंद्रशेखर पांडे, कृषि व पशु संवर्धन सभापति पंजाबराव वडाल, समाज कल्याण सभापति आकाश सिरसाट, महिला व बाल कल्याण सभापति मनीषा बोर्डे व जि.प. सदस्यों सहित सभी अधिकारी ऑनलाइन सभा में शामिल हुए.

पिछड़ावर्ग बस्ती सुधार योजना के अंतर्गत कार्यों के लिए जि.प. गट के अनुसार निधि का समान वितरण करने की मांग गट नेता गोपाल दातकर ने की लेकिन यह विषय सभा में नामंजूर किया गया तथा दुधारी मवेशियों के वितरण योजना को सभा में तकनीकी मंजूरी दी गयी. सभा में जि.प. समाज कल्याण विभाग द्वारा पिछड़ा वर्गीय लाभार्थियों को शतप्रतिशत अनुदान पर दुधारु मवेशी के वितरण के 1.20 करोड़ रु. की योजना को मंजूरी दिये जाने का प्रस्ताव सभा में मंजूर किया गया.

इसी तरह 60 गांवों के लिए नई जलापूर्ति योजना व पांढुर्णा जलापूर्ति योजना के कार्यों के लिए निविदा स्विकृति का विषय दातकर ने रखा. इन दो विषयों पर आगामी सभा में चर्चा करने का निर्णय लिया गया. जैविक विविधता व्यवस्थापन समिति का पुनर्गठन कर समिति स्थापन करने की मंजूरी दी गयी. इसी तरह व्याघ्र संवर्धन प्रतिष्ठान नियामक मंडल पर प्रतिनिधियों का चयन करने की मंजूरी दी गयी. 

रास्ता दुरुस्ती कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के 36 रास्ता कार्यों को 5 मार्च 2020 को मंजूरी मिली थी. बादमें मंजूर 33 रास्ता कार्यों को रद्द कर तीन नये रास्ता कार्यों को मंजूरी दिये जाने का निर्णय ग्राम विकास विभाग द्वारा 20 अगस्त को जारी किया गया, इस संदर्भ में सभा में गट नेता ज्ञानेश्वर सुल्ताने ने मुद्दा उठाया और तीन रास्तों के कार्य रद्द करने की मांग की, जिसे मंजूर किया गया. सभा में 8 में से 5 विषय मंजूर किए गए. जबकि एक विषय नामंजूर और दो विषयों को प्रलंबित रखा गया.

जिले में 40 प्रश से कम जल कर वसूल करनेवाली ग्रामपंचायतों पर प्रशासकीय कार्रवाई करने की मंजूरी दी गयी. 60 गांवों की खांबोरा प्रादेशिक जलापूर्ति योजना के अंतर्गत मजीप्रा द्वारा कार्य पूर्ण किए जाने के बाद जि.प. के कब्जे में लेने की मंजूरी सभा में दी गयी. इसी तरह शिवनी स्थित तालाब को मनपा की ओर हस्तांतरित न करने का प्रस्ताव सभा में मंजूर किया गया और जि.प. शालाओं की जर्जर इमारत गिराने तथा सांगलूद व नैराट ग्राम में स्वास्थ्य उप केंद्र निर्माण कार्य को सभा में मंजूरी दी गयी.