अकोला. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाना आवश्यक हो गया है. इसलिए अकोला महानगर में 1 से 6 जून तक जनता कर्फ्यू लगाया जा रहा है. इस दौरान कोई भूखा न रहे ऐसी व्यवस्था की जाएगी. वहीं कोरोना से संबंधित संदिग्ध 800 व्यक्तियों को रखने की व्यवस्था की जाएगी. सभी विभागों के अधिकारियों के कामकाज का मूल्यांकन किया जाएगा. सरकारी मेडिकल कॉलेज में वीडियो कैमरे लगाए जाएंगे और स्वच्छता के संदर्भ में हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी. यह जानकारी जिले के पालकमंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू ने दी. वे गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय के नियोजन भवन में आयोजित सभी पार्टियों की बैठक के अंत में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर लोग मान नहीं रहे हैं, तो पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए.
विभागों में कोई समन्वय नहीं : शर्मा
चर्चा में भाग लेते हुए, विधायक शर्मा ने कहा कि विभिन्न विभागों में कोई समन्वय नहीं है. विधायक देशमुख ने सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधि के बीच समन्वय महत्वपूर्ण होने की बात कही. विधायक बाजोरिया ने कहा कि प्रशासन द्वारा लिए गए फैसले गलत थे. निर्देशों का पालन करने के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाएं. विधायक सावरकर ने कहा कि संदिग्धों के स्वैब लेने के बाद उन्हें छोड़ दिया जाता है. जिससे कोरोना का प्रसार बढ़ रहा है. विधायक पाटिल ने कहा कि रोग की रोकथाम पर जोर दिया जाना चाहिए. विधायक अमोल मिटकरी ने कहा कि तहसीलों की सीमाएं सील रखें, अकोला में हर वार्ड को सील करके, निगम को उस क्षेत्र के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखना चाहिए.
इस चर्चा में जि.प. अध्यक्ष प्रतिभा भोजने, पूर्व विधायक बबनराव चौधरी, पूर्व महापौर विजय अग्रवाल, सिद्धार्थ शर्मा, बुढ़न गाड़ेकर, डा. धैर्यवर्धन पुंडकर, पंकज साबले, सतीश ढगे, भूषण भिरड, नयन गायकवाड़, पराग गवई, श्याम राउत आदि शामिल थे. जिलाधिकारी जीतेंद्र पापलकर ने संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के लिए नागरिकों का पूरा सहयोग न मिलने की बात रखी. इस अवसर पर अतिरिक्त जिलाधिकारी नरेंद्र लोणकर, महापौर अर्चना मसने, मनपा आयुक्त संजय कापडणीस, जि.प. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.सुभाष पवार, पुलिस अधीक्षक अमोघ गावकर, निवासी उप जिलाधिकारी संजय खड़से सहित सभी विभाग प्रमुख उपस्थित थे.