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अकोला. अकोला में कोरोना संक्रमित मरीजों का मृत्यु दर 2 प्रतिशत से नीचे रहे तथा संक्रमित मरीजों की संख्या न बढ़े, इस विषय में संबंधित अधिकारियों को सूचनाएं दी गई है.  मरीजों के साथ खिलवाड़ करने वालों की जिम्मेदारी तय की जाएगी, लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह निजी अस्पताल शुरू न रहने पर उनका नर्सिंग लाइसेंस रद्द करने के आदेश दिए गए हैं. यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दी है. वे सरकारी चिकित्सा मवि में जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के साथ हुई जायजा बैठक के बाद पत्र परिषद में बोल रहे थे. 

शीघ्र भरे जाएंगे रिक्त पद 
उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशालिटी हास्पिटल की तरह महत्वपूर्ण स्थानों की रिक्त जगह आगामी एक या डेढ़ माह में भरी जाएगी. ठेका पद्धति पर कामगारों को कायम करने के संदर्भ में यदि सेवा नियमों में बदलाव करना पड़ें, तो किया जाएगा. जगह भरने के संदर्भ में जिलाधिकारी, स्वास्थ्य उप संचालक निर्णय लें, उन्होंने शहर के ग्लोबल हास्पिटल को कोविड अस्पताल के रूप में अधिग्रहित किए जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में भी मरीजों को रखा जा सकेगा. निजी अस्पताल अपनी सेवाएं दें. बैठक के पूर्व विधायक गोवर्धन शर्मा, विधायक गोपीकिसन बाजोरिया, विधायक नितिन देशमुख, जि.प. अध्यक्ष प्रतिभा भोजने ने स्वास्थ्य मंत्री के साथ चर्चा की. जिलाधिकारी जीतेंद्र पापलकर, अधिष्ठाता डा. कुसुमाकर घोरपड़े, मनपा आयुक्त संजय कापडणीस, पुलिस अधीक्षक अमोघ गावकर, जिप के सीईओ डा.सुभाष पवार, जिला शल्य चिकित्सक डा.राजकुमार चव्हाण व अन्य अधिकारी उपस्थित थे. 

अधिकारियों को लिया आड़े हाथ
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को अकोला में जायजा लिया और सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, निजी डाक्टरों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अकोला में कोरोना मरीजों की संख्या 700 तक पहुंच रही है. इसके लिए जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और प्रशासन में समन्वय का अभाव कारण बनता दिखाई दे रहा है. जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय नहीं है. उपाय योजना करने की बजाए स्वयं के प्रसिद्धि करने में अधिकारी वर्ग व्यस्त रहने से कोरोना संकट बढ़ रहा है. जब तक पुलिस, स्वास्थ्य, राजस्व, मनपा प्रशासन एक साथ मिलकर कार्य नहीं करते हैं, तब तक यह महामारी कम नहीं होगी. सर्वोपचार अस्पताल के साथ ही कृषि विद्यापीठ के क्वारंटाइन कक्षों में सुविधा एवं सहूलियतों का अभाव, नियोजन के अभाव के कारण मरीजों में कोरोना की दहशत फैल गयी है.