Corona test
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    अकोला. कोरोना जांच के लिए निजी प्रयोगशालाओं के सुधारित दर स्वास्थ्य मंत्री की ओर से बुधवार को घोषित गए हैं. इसके बावजूद दूसरे दिन गुरुवार को पुरानी दर से ही मरीजों से पैसे लिए जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में जिलाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभागों द्वारा सुधारित दर पत्र निकाला नहीं गया है. कोरोना की जांच करने के लिए आरटीपीसीआर जांच हेतु 500 रु और रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर कम की गयी है. यह टेस्ट अब 150 रु. में करने की घोषणा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने की है. वास्तव में आदेश के 18 घंटे बाद भी कोरोना रोगियों को परीक्षणों की आड़ में लूटा जाता रहा है.

    कोरोना जिले में व्यापक रूप से फैल रहा है. कोरोना रोगियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन संघर्ष कर रहा है. अब तक जिले में 27,937 मरीज पीजिटिव पाए गए हैं. इसी तरह अब तक जिले में 454 मरीजों की उपचार के दौरान मौत हुई है. वर्तमान में 5 हजार से अधिक मरीजों जिले के विविध अस्पतालों में उपचार ले रहे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या की तुलना में बेड और आईसीयू बेड में गिरावट आ रही है.

    हालांकि सभी रोगियों के लिए निजी उपचार प्राप्त करना संभव नहीं है, लेकिन सवाल यह उठता है कि सरकारी अस्पतालों में बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं, जहां इलाज कराना है. किसी भी डाक्टर के पास जाने पर मरीजों को रक्त की जांच, मूत्र की जांच, कोवि प्रोफाइल टेस्ट करने को कहा जाता है. परीक्षण के नाम पर लैब निदेशक रोगी को लूटता हुआ प्रतीत होता है. विशेष रूप से जैसे ही कोरोना की व्यापकता बढ़ती जा रही है, निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना परीक्षण दर को नियंत्रित किया जाता है.

    नए संशोधित आदेश के अनुसार, नई दरें आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए 500 रुपये और रैपिड टेस्ट के लिए 150 रुपये तय की गई थीं. लेकिन इस पर वास्तविक रूप से अमल अभी तक नहीं हुआ है. जिससे गुरुवार को अकोला में कुछ निजी प्रयोगशालाओं द्वारा आरटीपीसीआर जांच के लिए 2,100 से 2,800 र. की दर लिए जाने की जानकारी सामने आयी है.