अकोला. सरकार द्वारा घोषित की गई साहूकारी कर्जमाफी योजना का लाभ जिन किसानों को दिया गया उनकी सूची नाम के साथ घोषित करने की मांग साहूकारग्रस्त किसान समिति ने की है. इस बीच समिति ने दावा किया कि 30,000 से अधिक किसान इस योजना से वंचित है. नैसर्गिक आपदा व जमीनी आपदाओं से किसान परेशान हो चुका है. फसलों के लिए किए गए खर्च की तुलना में कृषि उपज का उत्पादन नहीं हो रहा है जिसके कारण किसान बैंक के कर्ज की अदायगी भी नहीं कर रहे हैं.
बकायदार किसानों को बैंक द्वारा कर्ज नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण किसानों को लाइसेंसधारी साहूकारों के पास जाना मजबूरी है. लाइसेंसधारी साहूकारों से कर्ज लेनेवाले किसानों की संख्या अकोला जिले में भी अधिक है. साहूकार से लिये गये कर्ज माफ करने की मांग की गई थी. सरकार ने भी निर्णय लेकर साहूकारी कर्जमाफी योजना घोषित की लेकिन इस योजना के अंतर्गत कई किसानों को लाभ न मिलने की जानकारी प्राप्त हुई है.
साहूकारग्रस्त किसान समिति की मांग
इस बीच लाइसेंसधारी साहूकारी कर्जमाफी योजना का कितने कर्जदार किसानों को लाभ मिला है और जिन्हें लाभ नहीं मिला उन किसानों के नामों की सूची जारी किए जाने की मांग साहूकारग्रस्त समिति के प्रदेशाध्यक्ष अरुण इंगले, उमेश चिलवंते, नाना वाघमारे, अनिल घावट, गजानन कुचर, गोपाल आखरे, राहुल शिरसाठ आदि ने की है. अकोला जिले के किसानों ने अकोला शहर के लाइसेंसधारी साहूकारों से कर्ज लिया था. साहूकारों के लाइसेंस का कार्यक्षेत्र अकोला तहसील के स्थान पर अकोला शहर दर्ज किया गया है. जिसके कारण 30 हजार से अधिक कर्जदार किसान लाइसेंसधारी साहूकारी कर्जमाफी योजना से वंचित रह गये हैं, यह जानकारी साहूकारग्रस्त किसान समिति ने दी है.
अमरावती विभाग के पांच जिलों में लाइसेंसधारी साहूकारों से कार्यक्षेत्र के बाहर कर्जवितरण किए गए कर्जदार किसानों की संख्या 1,43,297 है तथा गांवों की संख्या 3,493 है. जबकि लाइसेंसधारी साहूकार 944 है. सरकार ने कार्यक्षेत्र के बाहर अपात्र कर्जदार किसानों को कर्जमाफी योजना का लाभ देने की मंजूरी दी है. इसके लिए सरकार द्वारा 65 करोड़ रु. की निधि भी उपलब्ध करवाकर दी थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन घोषित किए जाने के बाद सभी कामकाज ठप्प पड़ गया है.