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मुर्तिजापुर. स्थानीय नगर परिषद द्वारा शहर में आठ से नौ दिनों के अंतराल से जलापूर्ति की जा रही है. जिसका मुख्य कारण शहर की पाईप लाइन कई स्थानों पर फूटी हुई है जिससे प्रति दिन हजारों गॅलन पानी की बर्बादी हो रही है. जलापूर्ति विभाग द्वारा इस ओर अनदेखी किए जाने से यह स्थिति निर्माण हुई है. पार्षद एवं पूर्व नगराध्यक्ष द्वारका प्रसाद दुबे ने पालक मंत्री बच्चू कडू और जिलाधिकारी को निवेदन देकर मांग की है कि वे हर पांच से छह दिनों में शहर में पानी की आपूर्ति करने के लिए नगर परिषद को निर्देश देकर नागरिकों को इस समस्या से निजात दिलवाए. अभी सर्दियों के दिन चल रहे हैं. इस वर्ष काफी बारिश हुई है. इसलिए, मिट्टी और बांध में प्रचुर मात्रा में पानी का भंडारण है.

इसके बावजूद नगरपालिका प्रशासन की ओर से हर आठ से नौ दिनों में शहर में पानी की आपूर्ति की जाती है. पानी की टंकी भरी होने के बाद भी शहर में पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है. रात भर पानी की आपूर्ति बंद रहती है. शहर में कुछ जगहों पर छोटे और बड़े ज़ोन हैं और कुछ जगहों पर ज़ोन नहीं हैं. पार्षद तथा पूर्व नगराध्यक्ष द्वारका प्रसाद दुबे ने जिलाधिकारी जीतेंद्र पापलकर, विधायक गोपीकिसन बाजोरिया, मुर्तिजापुर के उप विभागीय अधिकारी, न.प. मुख्याधिकारी तथा नगर प्रशासन विभाग के विभागीय आयुक्त को दिए निवेदन में कहा कि वार्ड नं.6 में पुरानी बस्ती, टांगा चौक, रोशनपुरा, मलाईपुरा इन ज़ोन को अलग किया जाना चाहिए ताकि पुरानी बस्ती क्षेत्र के नागरिकों को समय पर प्रचुर मात्रा में पानी मिल सके और साथ ही मातंगपुरा वार्ड नं.6 के नागरिकों के लिए स्वीकृत पाईप लाइन बिछाई जानी चाहिए. 

शहर के गोयनका नगर में पानी की टंकी पर तीन से चार इंच मुख्य पाइप लाइन पर बड़े रिसाव के कारण पानी की आपूर्ति शुरू होने के बाद से लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. जल आपूर्ति विभाग के अभियंता सप्ताह में एक दिन आते हैं. जल आपूर्ति विभाग के कर्मचारी बिना किसी को बताए काम करते हैं. एक से दो दिन की पानी की आपूर्ति 15 से 20 दिनों तक नहीं होती है. इससे संबंधित कर्मचारियों के लिए पानी की आपूर्ति का प्रबंधन करना मुश्किल हो जाता है. चूंकि आठ से नौ दिनों के बाद पानी की आपूर्ति बंद हो जाती है, इसलिए पानी का भंडारण मच्छरों के संक्रमण का एक प्रमुख कारण है.कैप्शन : कॅप्शन : मुतिर्जापुर. जलापूर्ति पाईप लाइन से हो रही जलापूर्ति.