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    • इसके पूर्व दो बार बढ़ाई गई समयावधि

    अकोला. अकोला जलापूर्ति योजना को बल देने के लिए दूसरी बार समयावधि बढ़ाई गई थी जो 31 मार्च को समाप्त हो गई है. मनपा प्रशासन ने इस योजना के कार्य को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है. जिससे ठेकेदार को अधूरे कार्यों को पूरा करना होगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी भी 15 प्रतिशत कार्य अधूरे हैं. इस योजना के तहत 194 किलोमीटर नए जलमार्ग बिछाने का काम 60 फीसदी तक पूरा कर लिया गया है. बदली गयी पाईप लाइनों पर वैध प्लंबिंग कार्य अधूरा है.

    आठ जलकुंभ कार्यों में से सात जलकुंभ कार्य शुरू किए गए. इनमें से तीन जलाशयों से जहां जलापूर्ति शुरू कर दी गई है, वहीं शेष जलाशयों पर काम धीरे-धीरे शुरू कर दिया गया है. अमृत ​​योजना के तहत शहर में जलापूर्ति योजना के सुदृढ़ीकरण के लिए 110 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है.

    इस योजना में शहर में क्षतिग्रस्त जलमार्गों को बदलना, उन क्षेत्रों में जलमार्गों का डायवर्जन, जहां जलमार्ग नहीं हैं, परिवर्तित जलमार्गों पर आधिकारिक प्लंबिंग धारकों का पुन: संयोजन, शहर के विभिन्न हिस्सों में आठ पानी की टंकियों का निर्माण, महान जलशुद्धीकरण केंद्र में विभिन्न दुरूस्ती कार्य शामिल हैं.

    शुरुआत में इसे 24 महीने का समय दिया गया था. इस दौरान काम पूरा नहीं होने से कोरोना की पृष्ठभूमि पर सात महीने के लिए समयावधि बढ़ा दी गयी थी. यह समयावधि 31 मार्च को समाप्त हो गयी है. इसलिए महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने शेष कार्यों को पूरा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा है.

    माजिप्रा का प्रस्ताव मनपा के पास गया है, लेकिन डेढ़ माह बाद भी प्रशासन ने प्रस्ताव पर संज्ञान नहीं लिया है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार को दूसरा विस्तार दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद कार्य पूरा नहीं किया गया है. अतः ठेकेदार को शेष कार्यों को बिना कोई विस्तार दिये पूर्ण करना होगा. यदि ठेकेदार और देरी करता है तो मनपा प्रशासन उससे विलंब शुल्क वसूल सकता है.