- 120 की रिपोर्ट भेजी दिल्ली में
अकोला. अकोला में ब्लैक फंगस के कारण और एक की मौत हो गई है और अब अमरावती संभाग में ब्लैक फंगस के पीड़ितों की संख्या 32 हो गई है. कोरोना की दूसरी लहर में अब कमी देखी जा रही है. लेकिन अब डेल्टा प्लस संक्रमण का खतरा निर्माण होने से अकोला जिले में कोरोना पाजिटिव रहनेवाले 120 व्यक्तियों की रिपोर्ट ‘डेल्टा प्लस’ वेरियंट की जांच के लिए दिल्ली की अनुसंधान प्रयोगशाला में भेजी गई है. यह जानकारी चिकित्सा सूत्रों ने दी है.
कुछ दिन पहले अकोला तहसील के बोरगांव मंजू के एक व्यक्ति को कोविड ने अपनी चपेट में लिया था. वह इससे ठीक भी हो गए लेकिन बाद में उन्हें ब्लैंक फंगस ने लकड़ लिया था. संक्रमण बढ़ने पर उसे इलाज के लिए नागपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इससे पहले इस बीमारी ने अकोला में पांच और संभाग में 31 लोगों की जान ले ली थी. अब इस में एक और व्यक्ति जोड़ा गया है. बोरगांव मंजू में अब तक चार मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है और अब यहां ब्लैक फंगस अपना पहला शिकार बना चुका है.
बोरगांव की यह व्यक्ति 2 जून को कोरोना पाजिटिव पाई गई थी. उन्हें अकोला के सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 11 जून को उसकी मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन 7 जून को एक जांच से पता चला कि उसे ब्लैक फंगस का संसर्ग हुआ है. संक्रमण बढ़ने पर उन्हें सर्जरी के लिए नागपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन 22 जून की रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. 23 जून को बोरगांव मंजू में उनका अंतिम संस्कार किया गया.
तीसरी लहर का खतरा
इस बीच अकोला जिले से 120 कोरोना पॉजिटिव सैम्पलों को परीक्षण के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी इंस्टिट्यूट, दिल्ली भेजा गया है क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में डेल्टा प्लस स्ट्रेन के मामले पाए जा रहे हैं. जानकारों के मुताबिक कोविड-19 एक म्यूटेट वायरस है. इसके पहले के ‘डेल्टा’ वेरिएंट में और बदलाव के कारण, एक नया ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट बन गया है.
राज्य में जहां कोरोना की दूसरी लहर में फैले ‘डेल्टा’ वेरिएंट का संक्रमण कम हो रहा है, वहीं अब ‘डेल्टा’ का रूप बदल गया है और इसका नाम बदलकर ‘डेल्टा प्लस’ कर दिया गया है. चिकित्सा विशेषज्ञ इस नए प्रकार के कारण तीसरी लहर का खतरा व्यक्त कर रहे हैं.