अकोट. विगत 425 वर्षों की परम्परा बाधित न हो इसलिए युवा विश्व वारकरी सेना की ओर से प्रशासन से विदर्भ की केवल 5 पालकियां, प्रत्येक पालकी के साथ केवल 5 वारकरी पंढरपुर भेजे जाने की अनुमति दी जाए. उक्त मांग का निवेदन
मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, श्री क्षेत्र पंढरपुर प्रांत कार्यालय, पंढरपुर के विधायक नाना भालके, सोलापुर के जिलाधिकारी, अमरावती के विभागीय आयुक्त, अमरावती की पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, अकोला के पालकमंत्री बच्चू कडू को दिये जाने की जानकारी गणेश महाराज ने दी है.
विदर्भ की 1 भी पालकी का उल्लेख नहीं
पंढरपुर दर्शनार्थ जाने के लिए विदर्भ के कौडण्यपुर-रुक्मिणी माता पालकी सहित प्रमुख पालकियों को अनुमति देने की मांग युवा वारकरी सेना के अध्यक्ष गणेश महाराज शेटे ने की है. कोरोना के कारण पैदल दिंडी समारोह रद्द किया गया है. सरकार ने केवल मान की 6 पालकियों को हेलिकॉप्टर, हवाई जहाज से जाने के लिए अनुमति दी है, लेकिन इसमें विदर्भ की एक भी पालकी के नाम का उल्लेख नहीं है. जिससे विदर्भ के वारकरियों में नाराजगी है. वारकरियों का मानना है कि कौडण्यपुर की पालकी यदि पंढरपुर में दाखिल नहीं हुई तो पांडुरंग के दर्शन भी अधूरे माने जाते हैं.