पूर्णा नदी के प्रदूषण से नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में -विधायक रणधीर सावरकर

  • जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिये निर्देश

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अकोला. अकोला जिले के खारा पानी पट्टा क्षेत्र से बहनेवाली पूर्णा नदी रासायनिक घटकों के मिलने से प्रदूषित हो गयी है. नदी किनारे रहनेवाले नागरिक एवं मवेशियों का स्वास्थ्य खतरे में आ गया है. इस संदर्भ में प्रदूषण बोर्ड व प्रशासन की ओर सन 2014 से ध्यान देने की मांग की जा रही है. लेकिन मांग की ओर अब तक अनदेखी किए जाने से सामाजिक कार्यकर्ता गणेश पोटे को कोरोना संकट के समय आंदोलन करना पड़ रहा है, यह दुर्भाग्य की बात है.

जिला प्रशासन व प्रदूषण मंडल की अनदेखी से खतरा बढ़ जाने पर सरकार जिम्मेदार रहेगी, यह सूचना भाजपा जिलाध्यक्ष, विधायक रणधीर सावरकर के नेतृत्व में शामिल प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी जीतेंद्र पापलकर से भेंट कर दी. पूर्णा नदी के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गणेश पोटे ने अपनी जान जोखिम में डालकर नदी में तैरना आंदोलन शुरु किया है.

जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस संदर्भ में शीघ्र ही समस्या हल की जाय व पहले आंदोलनकारी से चर्चा करें. विधायक रणधीर सावरकर के साथ तेजराव थोरात, माधव मानकर, अंबादास उमाले, अभिमन्यू नलकांडे, विवेक भरणे उपस्थित थे.