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    अकोला. जिले में लगाए गए लाकडाउन से किसानों के सामने खेतमाल बेचने की समस्या खड़ी हो गई है. बाजार समिति में खेतमाल खरीदी-बिक्री पर पाबंदी लगाई है. इस लाकडाउन में कुछ बाते शिथिल की गई है, लेकिन अनाज खरीदी-बिक्री की समयावधि निश्चित किया गया है. जिससे इस निश्चित किए समयावधि में किसानों को खेतमाल बेचने के लिए लाना संभव नही. जिससे किसानों के सामने सवाल खड़ा हो गया है.

    अभी चना व तुअर का मौसम शुरू है तथा 40 प्रतिशत किसानों के पास अभी भी सोयाबीन पड़ा है. उन्हें और दाम बढ़ने की प्रतीक्षा है. तथा अनेक किसानों ने कपास भी बेचने के लिए रोका है. इस दौरान दाम वृद्धि तो नहीं, उलटा लाकडाउन से खेतमाल बेचने की समस्या खड़ी हो गई है. बाजार समिति में खरीदी-बिक्री के व्यवहार शुरू है, लेकिन उसे समयावधि की मर्यादा होने से आवक घटी है.

    कड़ी पाबंदी लगाकर व्यवहार शुरू रखे-

    सरकार व जिला प्रशासन ने बाजार समिति के व्यवहार पर समयावधि की मर्यादा न लगाते हुए कोरोना संक्रमण के लिए प्रतिबंधात्मक उपाययोजना तथा पाबंदी कड़ी करें. कड़ाई से पालन करने के लिए कड़े आदेश निकाले. आदेन का उल्लंघन करनेवालों पर कार्रवाई करें. बाजार समिति में खेतमाल खरीदी-बिक्री के लिए समयावधि की पाबंदी शिथिल करें. यह मांग किसान व बाजार समिति की सभी घटकों की ओर से की जा रही है.