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    • 23 जुलाई तक बढ़ी प्रक्रिया!

    अकोला. शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया धीमी गति से शुरू होने के कारण तीसरी बार दाखिले की अवधि बढ़ाई गई है. इस हिसाब से पहले ड्रा में चयनित अभिभावक अब 23 जुलाई तक अपने बच्चों के प्रवेश की पुष्टि कर सकते हैं. प्रवेश प्रक्रिया के तहत अब तक 1,354 छात्रों को प्रवेश दिया गया है और 678 छात्रों को अस्थायी प्रवेश दिया गया है. इसके परिणाम स्वरूप 463 लॉटरी छात्रों का प्रवेश अभी बाकी है.

    आरटीई प्रवेश प्रक्रिया

    बच्चों के नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2019 की धारा 12 (1) (सी) में वंचित और कमजोर वर्ग के लड़कों और लड़कियों के लिए निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश स्तर पर 25 प्रतिशत सीटों के आरक्षण का प्रावधान है. तदनुसार निजी स्कूलों में आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं.

    पहले गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता अपने बच्चों को उच्च प्रवेश शुल्क वाले स्कूलों में भेजने का जोखिम नहीं उठा सकते थे, लेकिन अब आरटीई ऐसे अभिभावकों के अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने के सपने को साकार कर रहा है. इस बीच आरटीई कोटे से दाखिले के लिए इस साल 4,707 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए.

    जिसमें क्षमता से 2,747 अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. लेकिन हकीकत में 1,960 छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके लिए स्कूल स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

    प्रवेश को लेकर असमंजस जारी

    कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से आरटीई प्रवेश प्रक्रिया बाधित हुई थी. लेकिन अब सरकार ने पाबंदियों में ढील दी है. इसलिए 11 जून से प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्रक्रिया के देर से शुरू होने के कारण अभी भी प्रवेश खुले हैं. वहीं, 28 जून से ऑनलाइन स्कूल शुरू हो गए हैं. इसलिए देरी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

    स्थिति इस तरह है
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    • पंजिकृत शालाएं – 202
    • प्रवेश के प्राप्त आवेदन – 4707 
    • आरक्षित स्थान – 1960
    • प्राप्त अतिरिक्त आवेदन- 2747 
    • अब तक चयनित – 1817
    • अस्थायी प्रवेश – 678
    • निश्चित प्रवेश – 1354