अकोला. सरकार ने प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के आगमन के साथ, प्लास्टिक की पतंगों की मांग काफी बढ़ गई है. वर्तमान में, अकोला शहर में लाखों रुपये का कारोबार हो रहा है. फिर यह सवाल है कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों पर क्या कार्रवाई की जाती है. सरकार ने नायलॉन मांजा और प्लास्टिक पतंगों पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है. इनमें अघुलनशील तत्वों की एक बड़ी मात्रा होती है जो मिट्टी में घनीभूत नहीं होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण बढ़ता है.
प्लास्टिक जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है. इससे सांस और आंखों के विकार भी होते हैं. इसलिए प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन नागरिकों द्वारा इस ओर अनदेखी की जा रही है. शहर के डाबकी रोड, उमरी, कौलखेड़, अकोट फैल, जठारपेठ, उमरी, पुराना शहर, मलकापुर, हरिहरपेठ सहित विभिन्न भागों में पतंग की दुकानों पर अनेक प्रकार की रंगबिरंगी प्लास्टिक की पतंगें सजाई गयी हैं. छोटे बच्चे विशेष रूप से ऐसे पतंगों के प्रति आकर्षित होते हैं. पतंगें बाजार में 5 रुपये से लेकर 20 से 25 रुपये में उपलब्ध हैं.
इसी तरह, विशेष दस्ते की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि नायलॉन मांजा की गुप्त बिक्री भी चल रही है. प्लास्टिक पतंगों की उपभोक्ता मांग के कारण पेपर पतंगों की बिक्री में गिरावट आई है. एक विक्रेता ने कहा कि ग्राहकों को उनकी मांग के अनुसार उपलब्ध करना पड़ता है. विक्रेताओं का यह भी मानना है कि कागज की पतंगें शीघ्र फटती हैं और प्लास्टिक की पतंगें अधिक टिकाऊ होती हैं. लेकिन यह नागरिकों को तय करना है कि वे प्लास्टिक की पतंग उड़ाएं या नहीं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं.
मनपा की अनेदखी
शहर में प्लास्टिक की बिक्री और उपयोग जारी रहने पर मनपा के क्षेत्रीय अधिकारियों को कार्रवाई करने का अधिकार है. लेकिन मनपा आयुक्त और अन्य अधिकारी प्लास्टिक पतंग और नायलॉन मांजा के विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में अनदेखी कर रहे हैं.
सरकार ने प्लास्टिक वस्तुओं की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्लास्टिक की पतंगों की बिक्री भी प्रतिबंधित है. यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी खतरनाक है. विक्रेताओं को प्लास्टिक की पतंग और नायलॉन मांजा को नहीं बेचना चाहिए. मनपा और संबंधित विभाग से इस संबंध में कार्रवाई करने की अपेक्षा की जाती है.-संजय खड़से, निवासी उप जिलाधिकारी