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अकोला. सोयाबीन बीजों के अंकुरित न होने की शिकायतें मिल रही है. अकोला जिले में अब तक 2,957 किसानों ने जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी कार्यालय में शिकायतें दर्ज की है.  किसानों की शिकायतें मिलने पर महाबीज रिपोर्ट की राह न देखते हुए बीज बदलकर दें, यह पत्र महाबीज के व्यवस्थापकीय संचालक को कृषि विभाग के अतिरिक्त सचिव ने दिया है लेकिन प्रत्यक्ष में यह काम आज भी तहसील कृषि अधिकारी द्वारा सर्वे करने तक ही मर्यादित रहा. किसानों को प्रत्यक्ष लाभ न मिलने से किसानों में नाराजगी छा गई.

निजी कंपनियां भी किसानों की ओर अनदेखी कर रही है. किसानों ने महंगे बीज खरीदकर बुआई की लेकिन बीज अंकुरित नहीं हुए इसलिए किसानों को खेतों में दोबारा बुआई करनी पड़ी. रकम खर्च होने के बाद फिर से रकम जुटाने का काम करने में किसानों का समय जा रहा है. दुबारा बुआई करने के लिए बीज कहां से मिलेंगे, इसको लेकर किसान चिंतित हैं.  तहसीलस्तरीय शिकायत निवारण समिति द्वारा प्रत्येक शिकायत की खेत में जाकर जांच व निरीक्षण तय किए गए समयावधि में करना अपेक्षित है. 

प्रत्येक तहसील के लिए समिति गठित
जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी ने प्रत्येक तहसील के लिए समिति गठित की है. तहसील में शिकायतों की संख्या 100 से अधिक होने पर जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी ने तहसील के लिए एक से अधिक समितियां गठित करने के अधिकार दिए हैं. शेतकरी जागर मंच के प्रतिनिधि मंडल ने जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी से भेंट की थी व बीज अंकुरित न होने पर दुबारा बुआई करने के लिए शीघ्र बीज उपलब्ध करवाने के संदर्भ में चर्चा भी की थी.

आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तक कोई प्रगति नही हुई है तथा किसान परेशानी में है. किसानों की गंभीर स्थिति की ओर संबंधित विभाग द्वारा अनदेखी की जा रही है. शेतकरी जागर मंच अकोला के मनोज तायडे ने  कहा कि किसानों को अब तक बीज बदलकर नहीं दिए गए हैं. बीज कब मिलेंगे और किसान कब बुआई करेंगे यह सवाल किसानों को सता रहा है.