Government of India started action, Railways canceled projects with Chinese companies
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    अकोला. अकोला-पूर्णा रेल मार्ग के विद्युतिकरण का कार्य तेज गति से शुरू है. पिछले कई वर्षों से इस मार्ग पर डीजल इंजिन द्वारा रेल चलाई जा रही थी जिससे यात्रा को काफी समय लगता था, इसी तरह डीजल का उपयोग किए जाने से राष्ट्रीय संपत्ति को भी हानि पहुंच रही थी तथा प्रदूषण में भी बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन अब विद्युतिकरण कार्य किए जाने से यात्रियों की कई परेशानियां दूर होने वाली हैं. विद्युतिकरण का पहले चरण का कार्य अकोला से लोहगड़ तक किया जा रहा है.

    इस संबंध में, पोल लगाने और तारों को बिछाने का काम प्रगति पर है. अकोला से शिवनी स्टेशन तक बहुत सारे काम किए गए हैं. लॉकडाउन ने भी इस काम को प्रभावित किया है, लेकिन अब इस काम को गति मिली है. रेल के साथ-साथ अन्य कार्यों के लिए मिट्टी समतल करना भी जेसीबी द्वारा चल रहा है. संबंधित यंत्रणा तेज गति से कार्य करने में लगी हुई हैं.

    जानकारी मिली है कि यह काम रेलवे और केईसी कंपनी कर रही है. इस मार्ग का विद्युतीकरण जल्द से जल्द करने के लिए अकोला के सांसद तथा केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री संजय धोत्रे, विदर्भ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी आदि इस ओर ध्यान दे रहे हैं. यात्रियों की दृष्टि से इसके अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं. 

    कार्य पूरा करने में लगेंगे 2 वर्ष

    सेक्टर विशेषज्ञ एस.पी. मिटूनायक ने कहा कि, इस रेल मार्ग का विद्युतीकरण पूर्ण करने के लिए 2 वर्ष का समय लग सकता है. क्यों कि अभी भी इस मार्ग का बहुत काम शेष है. दक्षिण मध्य रेलवे के उप मुख्य अभियंता के मार्गदर्शन में यह कार्य किया जा रहा है. वर्तमान में शिवनी के बाद बार्शीटाकली सेक्शन की ओर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. 

    यात्री समय की बचत होगी, प्रदूषण पर अंकुश लगेगा

    विदर्भ यात्री संघ, अकोला के डा.रवि आलिमचंदानी ने कहा कि इस मार्ग पर अच्छे यातायात के कारण, विद्युतीकरण पूरा होने पर लोग अपने गंतव्य तक तेज़ी से पहुँच सकेंगे. भविष्य में इंजन को बदलने की आवश्यकता नहीं होगी. इसी तरह इंधन की भी बचत होगी. इस मार्ग के विद्युतीकरण की मांग कई वर्षों से चल रही थी, लेकिन अब यह कार्य धीरे धीरे अंतिम चरण में है.