Omicron variant is causing more deaths in America than the Delta form of Corona, know the whole matter
Representative Photo/File

    Loading

    अकोला. कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है और कुछ जगहों पर स्थिति में सुधार हो रहा है. इसलिए राज्य सरकार ने सरकारी सर्कुलर के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से स्कूल शुरू करने की अनुमति दी है. इसके अनुसार अकोला जिले में भी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाए, यह आहवान जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक) डा.वैशाली ठग व जिला शिक्षणाधिकारी (माध्यमिक) दिलीप तायड़े ने किया है. 

    जिलाधिकारी ने दी मंजूरी

    इस संबंध में सरकार ने 7 जुलाई को सर्कुलर जारी कर राज्य के कोविड मुक्त इलाकों में 15 जुलाई से स्कूल शुरू करने की अनुमति दे दी है. इसके लिए ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर गाइडलाइन के तहत पहले चरण में 8वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू करने की मंजूरी दे दी है. अकोला जिले में भी जिलाधिकारी के मंजूरी से कोविड मुक्त क्षेत्र में स्कूल शुरू करने की कार्यवाही की जा रही है.

    इसके लिए छात्र, अभिभावक, शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी, शिक्षक सहयोग करें यह आहवान जिला शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक) डा.वैशाली ठग व जिला शिक्षणाधिकारी (माध्यमिक) दिलीप तायड़े ने किया है. 

    ग्रा.पं. स्तर पर सरपंच की अध्यक्षता में समिति

    शासनादेश के अनुसार ग्राम पंचायतों ने अभिभावकों से चर्चा कर ठराव लेने को कहा गया है. शाला के संदर्भ में ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच की अध्यक्षता में समिति रहेगी जिसमें पटवारी, शाला व्यवस्थापन समिति के अध्यक्ष, चिकित्सा अधिकारी, मुख्याध्यापक, केंद्र प्रमुख यह सदस्य तथा ग्रामसेवक यह सदस्य सचिव रहेंगे. 

    स्कूल शुरू करने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां

    स्कूल शुरू होने से कम से कम एक महीने पहले गांव में कोविड का मरीज नहीं मिला हो. शिक्षकों का वैक्सीनेशन प्राथमिकता से हो, साथ ही प्लानिंग जिलाधिकारी करें. भीड़ से बचने के लिए माता-पिता को स्कूल परिसर में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. यदि छात्र कोविड संक्रमित पाया जाता है, तो स्कूल को तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए और प्रधानाध्यापक को स्कूल को कीटाणुरहित करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए. चिकित्सा अधिकारियों की सलाह पर छात्रों का आइसोलेशन और इलाज शुरू किया जाए.

    स्कूल शुरू करते समय छात्रों को चरणों में स्कूल बुलाया जाना चाहिए. एक बेंच पर एक छात्र, दो बेंच के बीच छह फीट की दूरी, एक कक्षा में अधिकतम 15 से 20 छात्र, लगातार साबुन से हाथ धोना, मास्क का उपयोग करना, किसी भी लक्षण दिखाई देने पर छात्रों को घर भेजना और तुरंत कोरोना टेस्ट कराना चाहिए. स्कूल के शिक्षक गांव में रहें और इस बात का ध्यान रखें कि सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग न करें. इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित जिला शिक्षणाधिकारी व जिला स्वास्थ्य अधिकारी लगातार समीक्षा करें.

    छात्रों की उपस्थिति अभिभावकों की सहमति पर निर्भर 

    स्कूलों में थर्मामीटर (इंफ्रारेड डिजिटल), जंतूनाशक, साबुन का पानी आदि उपलब्ध करें. स्थानीय प्रशासन द्वारा स्कूल को साफ और कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. परिवहन सुविधाओं को भी कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. जिन स्कूलों में आयसोलेशन केंद्र हैं, उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा स्थानांतरित किया जाना चाहिए. स्कूल भवन को स्कूल प्रबंधन समिति को सौंपने से पहले स्थानीय प्रशासन को भवन को पूरी तरह से कीटाणुरहित करना चाहिए.

    स्कूल के अग्रभागों में दूरी बनाए रखें, मास्क का उपयोग करें आदि के बारे में नोटिस प्रदर्शित करें. औपचारिक समारोहों जैसे भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रमों पर स्कूल में सख्त प्रतिबंध हैं. शिक्षक-अभिभावक की बैठक भी ऑनलाइन होनी चाहिए. माता-पिता को किसी बीमार या रोगसूचक छात्र को स्कूल नहीं भेजना चाहिए. छात्रों की उपस्थिति पूरी तरह से अभिभावकों की सहमति पर निर्भर करेगी.