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    अकोला. दिन प्रतिदिन कोराना वायरस की दूसरी लहर करह बरपा रही है. स्वास्थ्य विभाग के अजब उपक्रम से कोरोना की टेस्टिंग और कोरोना प्रतिबंधक वैक्सीनेशन एक ही जगह पर रखा गया है. इस से कोरोना संक्रमण पर रोक लगने अलावा कोरोना वायरस को निमंत्रण देकर कोरोना को बढ़ावा देने की संभावना अधिक है. इस दौरान सर्वोपचार अस्पताल के श्रोतृगृह में कोरोना टेस्टिंग की रिपोर्ट लेने के लिए होनेवाली भीड़ कोरोना वायरस को निमंत्रण दे रही है. कारण अनेक संक्रमित मरीज रिपोर्ट के लिए कतार में खड़े रहते है.

    इस ओर स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी हो रही है. जिससे मरीजों को उनके पाजिटिव अथवा निगेटिव रिपोर्ट की जानकारी मोबाइल अथवा वॉट्स एप से देने की मांग की जा रही है. अब कोरोना वायरस ने अपना जाल पूरी तरह से बिछाया है. उसके उपचार प्रक्रिया में असफल ठहरी सरकारी और स्वास्थ्य प्रणाली प्रतिबंधक वैक्सीनेशन करने लिए भी असफल होने का दिखाई दे रहा है.

    अकोट फैल परिसर के एक कोरोना टेस्टिंग केंद्र पर वैक्सीनेशन का उपक्रम चलाने का अजब कारबार स्वास्थ्य प्रणाली से करने से नागरिकों में नाराजगी व्यक्त की जा रही है. इस प्रकार से टेस्टिंग व वैक्सीनेशन केंद्र भी कोरोना वायरस का प्रसार करने में सहायक ठहरने का डर व्यक्त हो रहा है. सर्वोपचार अस्पताल के श्रोतृगृह में भी कोरोना की टेस्टिंग और दो दिनों के बाद रिपोर्ट देने की व्यवस्था की गई है.

    यह रिपोर्ट लेने के लिए आनेवालों में कुछ लोगों को वह कतार में खड़े रहते समय वह संक्रमित होने की सूचना मिली. जिससे अन्य लोगों में घबराहट फैल गई थी. वास्तविक टेस्टिंग की जगर पर रिपोर्ट देने की व्यवस्था करने के ऐवज में वह स्वतंत्र रुप से की जाए अथवा लोगों को उनके मोबाइल पर अथवा वॉट्सएप पर पाजिटिव अथवा निगेटिव का संदेश देने की व्यवस्था करने की जरूरत है.

    इस ओर स्वास्थ्य विभाग ने ध्यान देने की मांग हो रही है. इस जगह पर आनेवाले अनेक लोग व्यवस्थित मास्क परिधान नही करते है, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही करते है. इस भीड़ से वैक्सीनेशन व टेस्टिंग केंद्र ही कोरोना का सुपर स्प्रेडर सेंटर तो नही होगा? यह डर व्यक्त किया जा रहा है.