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    • शालाएं खुलेंगी 15 जुलाई से
    • पालकों का एनओसी जरूरी

    अकोला. कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे धीरे समाप्ति की ओर है. यह देखते हुए मुख्यमंत्री महोदय के आदेश से 15 जुलाई से आठवी से लेकर बारहवी तक के विद्यार्थियों की शालाएं शुरू होने जा रही हैं. चरणबद्ध तरीके से शालाएं शहर तथा जिले में शुरू करने का आहवान माध्यमिक शिक्षणाधिकारी दिलीप तायड़े तथा प्राथमिक शिक्षणाधिकारी डा.वैशाली ठग द्वारा किया गया है.

    सरकार ने इस संबंध में एक परिपत्रक द्वारा आदेश दिया है कि 15 जुलाई से कोरोना मुक्त क्षेत्र में शाला शुरू की जाए. इसके लिए पालकों की एनओसी के साथ साथ ग्राम पंचायत की मार्गदर्शक सूचना भी जरूरी रहेगी. इसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायत पालकों से चर्चा कर के शिक्षा विभाग को सूचित करे.

    15 जुलाई से खुलेंगी शालाएं-शिक्षणाधिकारी दिलीप तायड़े

    माध्यमिक शिक्षणाधिकारी दिलीप तायड़े से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि कोरोना मुक्त क्षेत्रों में आठवीं से लेकर बारहवीं कक्षा तक की शालाएं 15 जुलाई से शुरू की जाएंगी. उन्होंने बताया कि अकोला शहर में आठवीं से बारहवीं की 151 तथा जिले में 534 शालाएं हैं. इस अनुसार से शिक्षा विभाग द्वारा नियोजन किया जा रहा है. विद्यार्थियों के पालकों का एनओसी जरूरी रहेगा. जिन विद्यार्थियों के पालकों द्वारा एनओसी नहीं मिलेगा उनसे मिलकर सामंजस्य से हल निकालने हेतु प्रयास किया जाएगा.

    ग्रामीण क्षेत्रों में पालकों के एनओसी के साथ साथ ग्राम पंचायत की मार्गदर्शक सूचना जरूरी रहेगी. उन्होंने कहा कि शालाएं शुरू होने के बाद ही विद्यार्थियों की ठीक तरह से पढ़ाई हो सकेगी. इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा लगातार प्रयास शुरू है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि कुछ विद्यार्थियों के पालक एनओसी नहीं भी देते हैं तो जिन विद्यार्थियों के पालक एनओसी देंगे उन विद्यार्थियों की उपस्थिति में शालाएं शुरू करना तय हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की कि आनेवाले समय में धीरे धीरे सभी विद्यार्थियों के पालक निश्चित ही एनओसी देंगे. 

    सूचनाओं का पालन जरूरी

    सरकार द्वारा कहा गया है कि शाला शुरू करने से करीब एक माह पहले तक गांव में कोरोना वायरस का एक भी रोगी नहीं होना चाहिए. शिक्षकों के वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देनी चाहिए. शाला में भीड़ न हो इसलिए पालकों को शाला में प्रवेश न दिया जाए. यदि कोई भी विद्यार्थी कोरोना ग्रस्त पाया जाता है तो शाला तुरंत बंद कर दी जाए, शाला का सैनिटाइजेशन बहुत जरूरी है. शाला में सैनिटाइजर के साथ साथ साबुन, पानी आदि भी आवश्यक रहेगा.