मनपा के भूमिगत गटर योजना के कार्यों को मिली गति

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  • मनपा ने रेलवे प्रशासन को अदा किए 47 लाख रू.
  • रेल पटरी के नीचे गंदे पानी के निकासी की डाली जाएगी पाईपलाइन

अकोला. अकोला महानगर की महत्वाकांक्षी भूमिगत गटर योजना के कार्यों को अब गति मिल गई है. इस योजना के अंतर्गत अकोला मनपा प्रशासन द्वारा रेलवे प्रशासन की ओर 47 लाख रू. की अदायगी किए जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है. इस योजना के गंदे पानी का शुद्धिकरण केंद्र (एसटीपी)ग्राम शिलोड़ा में है. ग्राम शिलोड़ा तक गंदे पानी की निकासी की पाईपलाइन डालने के लिए रेल पटरी पार करनी होगी. इसके लिए रेलवे विभाग की अनुमति अत्यावश्यक थी.

मंजूरी मिलने के बाद इस कार्य के लिए अकोला मनपा प्रशासन द्वारा रेल विभाग को 47 लाख रू. दिए गए हैं. रकम जमा किए जाने पर अब भूमिगत गटर योजना के कार्य में गंदे पानी की निकासी करने के लिए रेल पटरी के नीचे पाईप लाइन डालने का कार्य शीघ्र शुरू किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है. पाईपलाइन डालने का काम रेल विभाग स्वयं करें या रेल अधिकारियों की देखरेख में किया जाएगा. अकोला शहर के विविध भागों में भूमिगत गटर योजना का काम शुरू है. शहर के बीच बहनेवाली मोर्ना नदी के दाएं ओर किनारे पर 2.38 किलोमीटर तथा बाई ओर 11.68 कि.मी. लंबी ट्रंकलेन डाली गई है. 

जलवाहिनी 1500 मि.मी. व्यास की 

मोर्ना नदी के दोनों ओर किनारों से बिछाई गई गंदे पानी की निकासी की पाईप लाइनें एकत्रित जोड़कर 900 मि.मी. व्यास की पाईप लाइन से रेल पटरी पार कर शिलोड़ा तक गंदे पानी को पहुंचाया जाएगा जहां शुद्धीकरण केंद्र में जलशुद्धि की प्रक्रिया शुरू होगी. इस 900 मि.मी. व्यास के गंदे पानी के निकासी के लिए पाईपलाइन की सुरक्षा हेतु 1,500 मि.मी. व्यास की पाईप लाइन भी बिछाई जाएगी और इसी पाईप लाइन के भीतर 900 मि.मी. व्यास की गंदा पानी बहा ले जानेवाली पाईप लाइन रहेगी.