Nashik vegetables in Mumbai kitchens
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    • नहीं निकल पा रहा उत्पादन खर्च

    अकोला. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लाकडाउन शुरु है. उसी के अंतर्गत सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही दूकानें और प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति है. इसी के साथ-साथ अकोला जिले की तहसीलों और गांवों में शुरु साप्ताहिक बाजार पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं. इस कारण किसानों को अपनी सब्जी ढोकर जिला मुख्यालय तक पहुंचानी पड़ रही हैं. इस कारण जिला मुख्यालय में सब्जियों की आवक बहुत अधिक होने के कारण सब्जियों के दाम काफी कम हो गए हैं.

    किसानों की स्थिति खराब

    हाल ही में जिले के अनेक स्थानों में हुई तेज बारिश तथा ओलावृष्टि के कारण कई क्षेत्रों में किसानों का काफी नुकसान हुआ है. ओले गिरने के कारण जिले के अनेक क्षेत्रों में सब्जी के फसलों को नुकसान पहुंचा. एक तो किसानों का नुकसान हुआ है उस पर सभी साप्ताहिक बाजार बंद हैं. इस कारण से किसानों को बहुत ही कम दामों में सब्जी बेचनी पड़ रही हैं.

    उत्पादन खर्च भी नहीं निकल रहा

    अकोला जिले के सब्जी उत्पादक किसान बहुत ही अधिक परेशान देखे जा रहे हैं. बारिश तथा ओले गिरने के कारण सब्जी की फसलें खराब हो गई हैं. उस पर जो बची हुई फसलें है, उनको अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं क्योंकि साप्ताहिक बाजार पूरी तरह से बंद हैं. शायद इसी कारण किसानों की स्थिति इतनी खराब हो गई हैं कि उनका उत्पादन खर्च भी निकालना मुश्किल हो रहा है.

    सब्जियों के दाम काफी कम हुए

    स्थिति इतनी खराब हैं कि सभी साप्ताहिक बाजार बंद होने के कारण सभी सब्जियां अकोला जिला मुख्यालय में लायी जा रही हैं. शायद यही कारण है कि सब्जियों के दाम आसमान से जमीन पर आ गए हैं. इस बारे में सिंधी कैम्प मुख्य मार्ग पर स्थित सब्जी विक्रेता राजकुमार रोचलानी से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि इस गर्मी के मौसम में सब्जियों के अच्छे दाम मिलते हैं लेकिन इस बार परिस्थिति बिल्कुल अलग है. लाकडाउन के कारण अब लोगों के पास बिल्कुल पैसा नहीं हैं. शायद इसी कारण से सब्जियों के दाम कम होने के बावजूद सब्जियों की बिक्री 50 प्रश पर आ गई हैं.

    पूछने पर उन्होंने बताया कि आलू 15 रु. कि, प्याज 15 से 20 रु., पके टमाटर 10 रु., ककड़ी 20 से 25 रु., बैंगन 20 रु., फूलगोभी 30 से 40 रु., नींबू 60 रु., कैरी 40 रु., कासीफल 30 से 40 रु., अरबी 60 रु., करेले 40 रु., परवल 60 रु. इसी तरह गंवार फल्ली और भिंडी 60 रु. किलो हैं. पालक और चौलाई 40 रु. किलो के अनुसार हैं. लहसुन 80 रु. किलो हैं.

    मुंगना की फल्ली 60 रु. किलो. हरी मिर्च 60 रु. किलो. अदरक 60 रु. किलो. शिमला मिर्च 30 से 40 रु., लौकी 30 से 40 रु., मेथी 30 से 40 रु., गाजर 30 से 40 रु., बरबटी 40 रु., कुंदरु 30 से 40 रु., हरा धनिया 20 से 40 रु., पत्तागोभी 30 से 40 रु., टिंडे 40 से 60 रु., कटहल 60 रु. किलो के अनुसार मिल रहा है. वहीं बिक्री घटकर 50 प्रश पर आ गई हैं.