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    • विश्वमित्री और कवठा बैरेज प्रकल्प

    अकोला. जून के पहले सप्ताह में क्षेत्र में भारी बारिश हुई है, इसके बाद पिछले 15 दिनों से बारिश न होने से जिले के 36 लघु प्रकल्पों में से 16 लघु प्रकल्पों में इस समय केवल 15 से 45 प्रश ही पानी शेष है तथा अन्य चार लघु प्रकल्प तो पूरी तरह से सूख चुके हैं. अकोला जिले में कुल 36 लघु स्तरीय प्रकल्प हैं और लघु प्रकल्पों की भंडारण क्षमता 2 से 3 दलघमी से अधिक नहीं है. एकमात्र अपवाद दगडापरवा प्रकल्प है. छोटे प्रकल्पों की कम भंडारण क्षमता के कारण मानसून शुरू हुआ, कि छोटे प्रकल्प कुछ ही दिनों में ओवरफ्लो हो जाते हैं.

    पिछले साल नवंबर के अंत तक लगभग सभी छोटे प्रकल्प बारिश के कारण पानी से पूरी तरह लबालब हो गए थे. लेकिन कम भंडारण क्षमता और प्रकल्प के पानी का उपयोग सिंचाई के साथ-साथ जानवरों के पीने के लिए होने के कारण, प्रकल्प में पानी का भंडारण मई के अंत तक कम हो गया था. हालांकि इस साल मई के अंत में बारिश हुई थी.

    नतीजतन कुछ प्रकल्पों में कुछ जल भंडारण उपलब्ध था. लेकिन जून की शुरुआत में शुरू हुई बारिश ने एक बार फिर से मुंह मोड़ लिया है. जिसके कारण लघु प्रकल्पों में कम जलभंडारण शेष है. इस दौरान जिले के शहापुर लता, झोड़गा, विश्वामित्री, कवठा बैरेज और हातोला यह पांच लघु प्रकल्प पूरी तरह से सूख चुके हैं.

    इसी तरह गावंडगांव, पातुर, दगड़पारवा, झरंडी, शिवण खुर्द, कुंभारी, पिंपलगांव, सावरखेड़, मोझरी, कानडी, घोंगा, इसापुर, जनुना, घोटा, मोर्हल इन प्रकल्पों में लगभग 15 से 45 प्रश जलभंडारण होने की जानकारी सिंचाई विभाग के सूत्रों ने दी है.