अकोला. जून के पहले सप्ताह में हुई बारिश पिछले एक पखवाड़े से जारी है, जिससे जिले की सबसे बड़ी काटेपूर्णा परियोजना में केवल 23.55 दशलक्ष घन मीटर पानी बचा है. इस बीच, जिले में मध्यम और लघु स्तर की परियोजनाएं भी सूखने के कगार पर हैं. अगर इस महीने के अंत तक तेज बारिश नहीं हुई तो शहर और जिले में पानी की किल्लत का संकट खड़ा हो सकता है.
अकोला जिले में काटेपूर्णा और वान दो प्रमुख परियोजनाएं हैं और मोर्णा, निर्गुणा और उमा तीन मध्यम परियोजनाएं हैं. 36 छोटी परियोजनाएं हैं. यदि इन जल परियोजनाओं में प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध हो तो इससे किसानों को खरीफ के साथ रबी की खेती करने में मदद मिलेगी. दूसरी ओर यह परियोजनाएं अकोला शहर सहित विभिन्न गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों की प्यास भी बुझाती हैं.
पिछले साल नवंबर के अंत तक भारी बारिश के कारण सभी परियोजनाओं में प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध था. हालांकि, इस साल जून के पहले सप्ताह में हुई बारिश ने 8 जुलाई तक प्रभावित किया, जिससे गर्मी और बाष्पीकरण होने जल प्रकल्प सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं. जिले की सबसे बड़े काटेपूर्णा प्रकल्प में मात्र 23.55 दशलक्ष घन मीटर पानी बचा है.
प्रकल्पों का जलभंडारण
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प्रकल्प क्षमता जलसंचय
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काटेपूर्णा 86.35 23.55
वान 81.95 24.56
मोर्णा 41.46 13.41
निर्गुणा 28.85 4.33
उमा 11.86 1.96