ब्लॉग

Published: Oct 31, 2020 01:27 PM IST

ब्लॉगदेश की एकता का अप्रतिम चिन्ह 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की आज यानि 31 अक्टूबर को 145वीं जयंती है। सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष (Iron Man) के नाम से भी जाना जाता है। वह पेशे से वकील थे और भारत को आज़ाद करने में इन्होंने एक अहम भूमिका निभाई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण कराया गया है। यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट था। जिसका निर्माण कार्य 2013 में शुरू हुआ और 2018 में खत्म हुआ था। इस स्टेचू का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में लौह पुरुष की जयंती के दिन किया था। तो आइए इस खास मौके पर जानते हैं ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के बारे में खास बातें… 

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का डिज़ाइन- 

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ बनाने का एलान 2010 में मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री ने किया था। वहीं पटेल की प्रतिमा के हावभाव तय करने के लिए 2 हज़ार से ज़्यादा तस्वीरों पर रिसर्च की गई थी। उसके बाद ओरिजनल डिज़ाइन महाराष्ट्र के ‘राम सुतार’ ने तैयार की है। वह 93 साल के हैं और देश के सबसे वरिष्ठ मूर्तिकार हैं। सुतार ने ही छत्रपति शिवाजी का स्टेच्यू भी डिज़ाइन किया है, जो मुंबई के समुद्र में कृत्रिम टापू पर स्थापित किया जाना है।

109 टन लोहे और 2.10 लाख क्यूबिक मीटर कन्क्रीट का इस्तेमाल-

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ की प्रतिमा बनाने में देश भर के पांच लाख से ज़्यादा किसानों के पास से 135 मीट्रिक टन खेती-किसानी के पुराने औजार दान में लिए गए। जिन्हें गलाकर 109 टन लोहा तैयार किया गया, फिर इसी का उपयोग कर प्रतिमा को तैयार किया गया। वहीं इस प्रतिमा 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कन्क्रीट और 2000 टन कांसे का भी उपयोग किया गया है। साथ ही 6 हज़ार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हज़ार 500 टन सरियों का भी इस्तेमाल किया गया है।   

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ की खासियत- 

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’  के आसपास का घूमने योग्य जगहें- 

बटरफ्लाई गार्डन:

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास में ही आपको खूबसूरत बटरफ्लाई गार्डन देखने को मिलेंगे। जहाँ पर्यटक कुदरत की बनाई सुंदर रंग-बिरंगी तितलियों को देख सकते हैं। यह गार्डन करीब छह एकड़ में फैला है और यहाँ 45 प्रजातियों की तितलियां हैं।

एकता नर्सरी:

इसे नर्सरी में पर्यटक आकर एक ‘प्लांट ऑफ यूनिटी’ नमक एक पौधा ज़रूर अपने घर ले जाते हैं। इस नर्सरी को बनाने का मकसद ही यही था कि लोग पौधे को ले जाकर अपने घर में या आसपास के क्षेत्र में लगाएं।

एकता ऑडिटोरियम:

करीब 1700 वर्ग मीटर में फैला यह एक कम्युनिटी हॉल है। यहां संगीत, नृत्य, नाटक, कार्यशाला जैसे सभी सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। 

विश्व वन:

यह सबसे खास जगह हैं जहाँ सैलानी सभी सात खंडों की औषधि वनस्पति, पौधे और वृक्ष को देख सकते हैं, वहीं यह अनेकता में एकता के भाव को साकार करते नज़र आते हैं।

रिवर राफ्टिंग:

पर्यटक यहाँ रिवर राफ्टिंग का भी आनंद ले सकते हैं। साथ ही यहाँ कई तरह के एडवेंचर गेम का लुत्फ उठा सकते हैं। 

31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस-

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर को मनाई जाती है। भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को चिह्नित करने के लिए 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को नेशनल यूनिटी दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में नया जाता है। सरदार वल्लभ भाई ने 565 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था। यही कारण है कि इनकी जयंती के पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।