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Published: Nov 27, 2020 02:32 PM IST

ब्लॉगबिना कीमत जानें कहीं आपने भी तो नहीं खाई 80 हज़ार की ये सब्जी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ये तो सभी जानते हैं की सब्जियों के दाम मांसाहारी चीजों से कम होते हैं लेकिन आज हम एक ऐसी सब्जी की बात कर रहे हैं जिसकी कीमत ने इन सभी के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. दुनिया की एक ऐसी भी सब्जी है जिसकी कीमत मांसाहारी उत्पादों से कई गुना ज्यादा है. आमतौर पर यह सब्जी 1000 यूरो प्रति किलो बिकती है यानी भारतीय रुपये में कहें तो इसकी कीमत 80 हजार रुपये किलो के आसपास है. दाम सुनकर आप चौंक गए होंगे. 

ठंडी के मौसम को इसके लिए ठीक नहीं माना जाता है. मार्च से लेकर जून तक इसकी खेती के लिए आदर्श समय माना जाता है. इसके लिए नमी और सूर्य के प्रकाश की जरूरत होती है. इस माहौल में इसका पौधा तेजी से बढ़ता है और एक दिन में इसकी टहनियां 6 ईंच तक बढ़ जाती हैं. शुरुआत में इसकी टहनियां बैंगनी रंग की होती हैं लेकिन बाद में हरी हो जाती हैं. आइए आज आपको इस सब्जी की खासियतों के बारे में बताते हैं.

इस सब्जी के इस्तेमाल से दांत के दर्द और टीवी जैसे गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. बहुत से लोग इसे कच्चा भी खाते हैं। और तो और लोग इस सब्जी का इस्तेमाल आचार बनाने के लिए भी करते हैं. इसकी खेती बीयर में इस्तेमाल करने के लिए की जाती है. इसका जो फूल होता है उसे ‘हॉप कोन्स’ कहते हैं. उस फूल का इस्तेमाल बीयर में किया जाता है. बाकी उसकी टहनी को कई तरह से खाया जा सकता है. 800 ईसवी के आसपास लोग इसे बियर में मिलाकर पिया करते थे. तब से लेकर अब तक यह प्रयोग जारी है. 

सबसे पहले इस सब्जी की खेती उत्तरी जर्मनी में शुरू हुई थी और उसके बाद धीरे-धीरे आज यह पूरे विश्व में फैल गया है. 1710 में इंग्लैंड की पार्ल्यामेंट ने हॉप्स पर टैक्स लगाया. यह भी अनिवार्य कर दिया गया कि सभी बीयर बनाने में हॉप का ही इस्तेमाल हो. तब से अब तक बीयर का स्वाद बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी के तौर पर भी किया जाता है. सदियों से इसका इस्तेमाल दांत के दर्द को दूर करने से लेकर टीबी के इलाज तक में होता रहा है. हॉप में ऐंटीबायॉटिक की प्रॉपर्टी पाई जाती है. काफी कड़वा होता है. हॉप की टहनियों का इस्तेमाल प्याज की तरह सलाद में भी किया जा सकता है.