कॉरपोरेट जगत

Published: Mar 14, 2022 10:19 PM IST

Maggi Price Hikeमैगी लवर्स को लगा बड़ा झटका, आज से बढ़ गए हैं दाम, जानें नई कीमतें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Representional Pic

नई दिल्ली. देश में लगातार महंगाई (Infliation) बढ़ रही है। जिससे आम आदमी का बजट हिल गया है। इस बीच मैगी (Maggi) लवर्स के लिए एक भूरी खबर सामने आई है। दरअसल, नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने 14 मार्च से मैगी मसाला नूडल्स (Maggi Masala Noodles) की कीमतें बढ़ा दी है। इसके अलावा कंपनी ने कॉफी पाउडर (Cofee Powder) और मिल्क पाउडर (Milk Powder) की कीमतें भी बढ़ा दी हैं। यह नई कीमतें आज से ही लागू होगी।

मैगी के अलग-अलग पैक की नई कीमतें

नेस्ले इंडिया ने मैगी की कीमतें 9 से 16% तक बढ़ा दी हैं। मैगी का छोटा पैक 70 ग्राम का आता है जिसके लिए अब 12 रूपये नहीं बल्कि 14 रुपए चुकाने पड़ेंगे। जबकि, 140 ग्राम वाले पैक कीमत 12.5 फीसदी (3 रुपए) बढ़ा दी गई है। यानि अब यह पैक 143 रुपए में मिलेगा। वहीं, 560 ग्राम वाले पैक की कीमत 9.4 फीसदी (9 रुपए) बढ़ाई गई है। जिसके बाद यह पैक 96 रुपए के बजाय 105 रुपए में मिलेगा।

मिल्क और कॉफी पाउडर महंगा

वहीं, नेस्ले इंडिया ने मिल्क और कॉफी पाउडर की कीमतें भी बढ़ा दी हैं। कंपनी ने एक लीटर वाले A+ मिल्क की कीमत 3 रुपए बढ़ा दी है। अब यह 75 रुपए की जगह अब 78 रुपए में मिलेगा। जबकि, नेस्कैफे क्लासिक कॉफी पाउडर की कीमत 3-7 फीसदी तक बढ़ गई हैं। वहीं, 25 ग्राम वाले नेस्कैफे का पैक अब 2.5% महंगा हो गया है। यह अब 80 रुपए (पहले की कीमत 78 रुपए) में मिलेगा। इसके अलावा, 50 ग्राम वाले नेस्कैफे क्लासिक पैक के लिए 150 रुपए (पहले की कीमत 145 रुपए) चुकाने होंगे।

खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.07 प्रतिशत हुई

खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई तेजी की वजह से फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गई। सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है। एक साल पहले इसी महीने में यह 5.03 प्रतिशत रही थी, जबकि जनवरी, 2022 में यह 6.01 प्रतिशत थी।

खाद्य उत्पादों की कीमतें 5.89 प्रतिशत बढ़ीं

आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में खुदरा महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी रही। पिछले महीने खाद्य उत्पादों की कीमतें 5.89 प्रतिशत बढ़ीं, जबकि जनवरी में यह 5.43 प्रतिशत बढ़ी थीं। भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति पर ही गौर करता है।