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Published: Jan 24, 2021 03:55 PM IST

इकॉनमीसंपत्ति की गुणवत्ता का दवाब चरम पर, बढ़ सकता है सकल एनपीए: यस बैंक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. दिसंबर तिमाही के परिणाम में आय से जुड़ी चुनौतियों में वृद्धि के बाद यस बैंक (YES Bank) का परिसंपत्ति गुणवत्ता का दवाब चरम पर पहुंच गया है। मार्च तिमाही में बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (जीएनपीए) के अनुपात में उछाल भी आ सकता है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहा है। अधिकारी ने कहा कि खराब संपत्तियों की पहचान को लेकर उच्चतम न्यायालय का फैसला आ जाने के बाद जीएनपीए अनुपात कुल परिसंपत्तियों के 20 प्रतिशत को छू सकता है।

पिछले सप्ताह के अंत में जारी परिणाम में यस बैंक (YES Bank)  ने बताया कि उसका जीएनपीए अनुपात 15.36 प्रतिशत पर पहुंच गया है। हालांकि बैंक ने साथ में यह भी जोड़ा कि यदि उच्चतम न्यायालय का आदेश आ जाता है तो यह अनुपात भी बढ़ सकता है। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रशांत कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमने जो दवाब देखा है, वह एक शिखर है। परिसंपत्ति की गुणवत्ता में कई सुधार हैं, जैसे कि संग्रह में सुधार, चेक बाउंस की दर में कमी और वसूली की दरों में तेजी आदि।”

कुमार ने कहा कि कई खाते 90 दिन की समयसीमा के समाप्त होने के समय भुगतान करते हैं, जबकि कुछ खाते मजबूत मूल सिद्धांतों वाली कंपनियों के हैं, जो महामारी के कारण कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पुनर्गठित कर्जों से निपटने के लिये हमें दो साल का समय मिला है, जबकि शेष 10 हजार करोड़ रुपये का हम 12 से 18 महीनों में हल निकालने के लिये आश्वस्त हैं।”(एजेंसी)