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Published: Jan 17, 2023 08:38 PM IST

Union Budget 2023इनकम टैक्स का स्लैब बदलेगी केंद्र सरकार!, टैक्स भरनेवालों को मिलेगा लाभ; पढ़े पूरी खबर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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दिल्ली: हर साल की तरह इस बार भी केंद्र सरकार (Central Govt) अपने बजट में मध्यमवर्ग और नौकरीपेशा वर्ग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार इनकम टैक्स (Income Tax) स्लैब में बदलाव करने की तैयारी में है। हालाँकि, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) नए टैक्स स्लैब को लेकर बजट में घोषणा कर सकती है। इस बजट में टैक्स स्लैब (Tax Slab) के साथ आवास किराया, बीमा पर छूट देने और अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स में निवेश को कटौती में छूट बढ़ाने की अनुमति दिए जा सकते हैं।

करदाताओं के अलावा अन्य लोगों को राहत 

एक रिपोर्ट के अनुसार 1 फरवरी को होने वाले केंद्रीय बजट 2023 से पहले इनकम टैक्स फ्रेमवर्क के तहत टैक्स को कम करने और रिवाइज स्लैब पेश कर सकती है। फिलहाल वित्त मंत्रालय (Finance Ministry)  2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की कुल आय पर 5 फीसदी टैक्स लागू करता है। जबकि, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक की कुल आय पर 10 फीसदी और 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी टैक्स लागू होता है। इसी तरह 10 लाख रुपये से से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी टैक्स लगाया जाता है। 12.5 लाख से 15 लाख रुपये पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर की कुल आय पर 30 फीसदी टैक्स दर लागू होती है। 1 फरवरी को लोकसभा में 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा है। कहा जा रहा है कि सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए आयकर सीमा बढ़ाएगी और मध्यम वर्ग के करदाताओं के अलावा अन्य लोगों को राहत देगी।

मध्यम वर्ग के दबाव को समझ सकती हूं: निर्मला सीतारमण 

बीते दिनों एक कार्यक्रम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण  (Nirmala Sitaraman) ने कहा था कि मैं भी मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखती हूं, इसलिए मैं मध्यम वर्ग के दबाव को समझ सकती हूं। मैं खुद को मध्यम वर्ग से पहचानती हूं, इसलिए मैं जानती हूं। इसलिए टैक्स स्लैब में बदलाव के लिए नई आयकर संरचना लाने के संकेत दिख रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आवास किराया और बीमा पर छूट की अनुमति दी जानी चाहिए। एक्सपर्ट्स ने हाल ही में कहा है कि पीपीएफ और अन्य कर बचत योजनाओं में निवेश को कटौती के रूप में अनुमति दी जानी चाहिए। इसके साथ ही बजट 2023-24 में रियायती आयकर व्यवस्था के तहत 30 प्रतिशत कर की सीमा को 20 लाख रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए, जो कि अभी 15 लाख रुपये है। इससे मध्यम आय वाले करदाताओं को लाभ मिलेगा।