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Published: Feb 08, 2024 12:03 PM ISTRBI MPC Meetसस्ते लोन की 'टूटी' उम्मीदें, RBI ने फिर नहीं घटाया रेपो रेट, जानें 'मॉनिटरी पॉलिसी' की खास बातें
नई दिल्ली/मुंबई: जहां एक तरफ आज RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने साल 2024 की पहली मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए इसमें रेपो रेट में कोई भी बदलाव की गुंजाईश नहीं रखी है। वहीं आज RBI ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के फैसलों के तहत रेपो रेट भी नहीं घटाया है, इस तरह रेपो रेट 6.50% पर ही काबिज है। वहीं मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी यानी एमएसएफ और बैंक रेट 6.75% पर बरकरार रखा गया है। फिलहाल आपके लोन की EMI में भी राहत मिलने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।
आज RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा घोषित साल 2024 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें इस प्रकार रहीं
- नीतिगत दर या रेपो रेट 6.5 % पर बरकरार।
- वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष के 7.3 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
- चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 5.4 % रहेगी। 2024-25 में यह घटकर 4.5% पर आ जाएगी।
- ब्याज दरों में कटौती का लाभ अभी पूरी तरह उपभोक्ताओं को नहीं मिली है।
- मौजूदा आर्थिक गति अगले वित्त वर्ष में भी बरकरार रहेगी।
- रबी बुवाई में सुधार, विनिर्माण क्षेत्र में निरंतर लाभप्रदता, 2024-25 में आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए सेवाएं मजबूत।
- निवेश चक्र गति पकड़ रहा है, निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में सुधार के संकेत।
- भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, निरंतर वृद्धि पथ पर आत्मविश्वास से प्रगति कर रही है।
- सरकार राजकोषीय के सुदृढ़ीकरण पथ पर कायम है; घरेलू आर्थिक गतिविधियां मजबूत।
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में अनिश्चितता का मुख्य मुद्रास्फीति पर प्रभाव जारी है।
- भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से आपूर्ति शृंखला पर असर पड़ रहा है, जिससे जिंस की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
- विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब अमेरिकी डॉलर; विदेशी दायित्वों को पूरा करने के लिए संतोषजनक।
- घरेलू वित्तीय प्रणाली स्वस्थ ‘बही-खाते’ के साथ मजबूत बनी हुई है।
- विनियमित संस्थाओं को अनुपालन, उपभोक्ता हित संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
- आरबीआई खराब या सीमित इंटरनेट संपर्क वाले क्षेत्रों में लेनदेन के लिए ‘सीबीडीसी-रिटेल’ में एक ऑफलाइन कार्यक्षमता शुरू करेगा।
- चालू वित्त वर्ष में भारतीय रुपये की विनिमय दर काफी स्थिर रही।
- मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक तीन से पांच अप्रैल को होगी।
जानकारी दें कि, इससे पहले RBI की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति 8 दिसंबर 2023 को जारी हुई थी। इसमें भी केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि, सेंट्रल बैंक ने ‘स्टेटस को’ यानी ‘यथास्थिति’ बरकरार रखी है और रेपो रेट को 6.5% पर यथावत रखा गया था।