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Published: May 01, 2021 06:10 PM IST

Oil Seed Marketशुल्क-मूल्य बढ़ाए जाने के बाद तेल, तिलहनों के भाव में सुधार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: सरकार के द्वारा खाद्य तेलों (Edible Oils) के आयात शुल्क-मूल्य में वृद्धि किये जाने के बाद दिल्ली तेल तिलहन बाजार (Oil Seed Market) में शनिवार को सरसों दाना, सोयाबीन तेल तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन (Mustard Seed, Soybean Oil Oilseeds, Cottonseed, CPO and Palmolein) जैसे तेल तिलहनों के भाव तेजी के बंद हुए।   

सीपीओ के शुल्क मूल्य में 232 रुपये और सोयाबीन डीगम के शुल्क मूल्य में 58 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गयी है। बाजार सूत्रों ने कहा कि इससे घरेलू तेल तिलहन बाजार तेज हो गया। तेल उद्योग के लोगों ने बताया कि शिकागो एक्सचेंज में कल रात सोयाबीन डीगम में 4.5 प्रतिशत के उछाल के बाद सर्किट-ब्रेक (सौंदों का रुक जाना) लग गया।  

उन्होंने कहा कि विदेशों में हल्के तेलों (सूरज मुखरी और सोयाबीन) की कमी है। स्थानीय स्तर पर सरसों तेल सस्ता होने और मिलावट मुक्त होने के कारण इसकी भारी मांग है। आयात शुल्क-मूल्य में वृद्धि किये जाने का असर देश के अन्य खाद्य तेल कीमतों पर भी हुआ और बिनौला सहित बाकी तेलों के भाव भी लाभ दर्शाते बंद हुए। आगरा की सलोनी मंडी में सरसों की इतनी मांग है कि वहां 7,500 रुपये क्विंटल के भाव इसकी खरीद हो रही है।  

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी तेल तिलहन के मामले में देश को आत्मनिर्भर होने की जरुरत को रेखांकित किया है। किसानों को जिस तरह से उनकी तिलहन ऊपज के दाम मिल रहे हैं उससे देश में आगे तिलहन की पैदावार बढ़ने के पूरे आसार हैं।

 

सोयाबीन, सरसों सहित तेल रहित खल (डीओसी) की भारी निर्यात और घरेलू मांग होने से सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में अच्छा लाभ दर्ज हुआ। व्यापारियों और तेल मिलों के पास सोयाबीन तिलहन का स्टॉक समाप्त है जिससे इसमें तेजी को और बल मिला। आयात शुल्क मूल्य में वृद्धि किये जाने से सीपीओ और पामोलीन तेलों के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए।

तेल व्यापारियों ने कहा कि आगरा के वसंत नगर में लगभग 40,000 टन सोयाबीन डीगम के सौदों की डिलीवरी फंसने की चर्चा से बाजार में अफरा तफरी पैदा हुई इससे कई व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। बाकी तेल तिलहनों के भाव भी पूर्वस्तर पर बंद हुए।