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Published: Jun 24, 2020 02:15 PM IST

चीन आयातचीन से आयात पर निर्भरता कम करेगा वाहन कलपुर्जा उद्योग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली. देश का वाहन कलपुर्जा उद्योग सीमा तनाव के बीच चीन से आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कदम उठा रहा है। करीब 57 अरब डॉलर का वाहन कलपुर्जा उद्योग ‘स्थानीयकरण’ तथा चीन के आयात से जोखिम को कम करने की पहल कर रहा है। भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) ने बुधवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही घरेलू वाहन उद्योग भी चीनी आयात पर निर्भरता कम करना चाहता है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से वाहन उद्योग को महत्वपूर्ण कलपुर्जों की कमी से जूझना पड़ा था।

अभी चीन से बाहर की कंपनियां वाहन कलपुर्जों की प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत ने 17.6 अरब डॉलर के वाहन कलपुर्जों का आयात किया था। इसमें से 27 प्रतिशत यानी 4.75 अरब डॉलर का आयात चीन से हुआ था। एसीएमए के महानिदेशक विनी मेहता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी और उसके चलते हुए लॉकडाउन की वजह से सभी अर्थव्यवस्थाओं और उद्योगों ने आयात पर निर्भरता घटाने पर विचार करना शुरू कर दिया है।” उन्होंने कहा कि देश के वाहन उद्योग ने अपने जोखिम को कम करना शुरू किया है। वह गंभीरता से स्थानीयकरण पर ध्यान दे रहा है। मेहता ने कहा कि भारत-चीन के बीच हालिया विवाद के बाद यह प्रक्रिया और तेज होगी।

उन्होंने कहा कि इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि उद्योग को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। कंपनियों और सरकार को साथ मिलकर इसकी रूपरेखा बनानी होगी और उसी के अनुरूप काम करना होगा। उन्होंने कहा कि न तो सरकार अकेले ऐसा कर सकती है और न ही उद्योग। दोनों को साथ काम करना होगा। मेहता ने कहा कि घरेलू वाहन कलपुर्जा उद्योग की वृद्धि के लिए सरकार को कारोबार सुगमता, सस्ती दर पर पूंजी की उपलब्धता, लॉजिस्टिक्स और ऊर्जा की लागत पर ध्यान देना होगा। (एजेंसी)