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Published: Sep 25, 2020 11:09 PM IST

जरूरीस्पेशल चाइल्ड के लिए ‘एस्टेट प्लान’ क्यों हैं बेहद जरूरी : राघवेंद्र नाथ

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मुंबई. लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक राघवेंद्र नाथ का कहना है कि एस्टेट प्लान हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन स्पेशल बच्चों के अभिभावकों के मामले में यह बेहद जरूरी हो गया है. हालांकि आम तौर पर एक साधारण ‘वसीयत’ छोटे परिवारों के मामले में पर्याप्त होती है, लेकिन यह उन मामलों में काफी नहीं है जहां एक परिवार में कोई शारीरिक या मानसिक रूप से दिव्यांग सदस्य हो. इसकी मूल वजह यह है कि वसीयत केवल किसी व्यक्ति की संपत्ति को उसके वारिसों या लाभार्थियों के बीच बगैर किसी अड़चन के हस्तांतरित करने की अनुमति देगी, लेकिन क्या ऐसे दिव्यांग व्यक्ति धन और संपत्ति से संबंधित सभी जटिलताओं को संभालने में सक्षम होंगे? साथ ही इस तरह के दिव्यांग लोगों के हाथों में संपत्ति रखना खुद जोखिम बन सकता है.

 उदाहरण के लिए, अगर सभी को यह मालूम हो कि कोई विकलांग व्यक्ति पर्याप्त धन का मालिक है, तो यह आशंका रहेगी है कि कुछ बेईमान व्यक्ति उसे धोखा दे सकते हैं या नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए स्पेशल बच्चों के मामले में, माता-पिता को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे सुरक्षित रहें और माता-पिता, दोनों के ना रहने के बाद भी उनकी पर्याप्त देखभाल होती रहे. जब बच्चा एक वयस्क व्यक्ति में बदलता या बदलती है, तब जीवन के बाद के चरणों में उसे मदद की जरूरत पड़ सकती है.

स्मार्ट लोग अपनाते हैं यह तरीका

ऐसे अधिकांश मामलों में, ‘निजी परिवार ट्रस्ट’ स्थापित करना एक आदर्श समाधान है. एक निजी परिवार ट्रस्ट भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत बनाया गया एक कानूनी ढांचा है. यह एक धर्मार्थ ट्रस्ट से अलग है और इसमें उतना ही लचीलापन या विवेक हो सकता है जितना कि सेटलर (ट्रस्ट बनाने वाला व्यक्ति) चाहता है. एक निजी परिवार ट्रस्ट एक अत्यंत शक्तिशाली और कानूनी संरचना है और इसका इस्तेमाल दुनिया भर के स्मार्ट लोग सदियों से अपनी संतुष्टि  के हिसाब से अपनी संपत्ति का प्रबंधन करने के लिए करते आ रहे हैं. एक साधारण वसीयत की तुलना में एक निजी परिवार ट्रस्ट के कुछ अलग फायदे हैं. ट्रस्ट के उत्तराधिकारियों के अलावा ट्रस्ट का उपयोग उसके निर्माताओं के जीवनकाल में भी किया जा सकता है. ट्रस्ट बनाने के समय ही ट्रस्ट निर्माता, ट्रस्ट का कार्यकाल, न्यासियों की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां, ट्रस्ट के लाभार्थियों को नियमित रूप से ट्रस्ट से हो सकने वाले लाभों की परिभाषा, परिसंपत्तियों की सुरक्षा और वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए निवेश प्रबंधन सिद्धांतों की स्थापना और लाभार्थियों के बीच संपत्ति वितरित करने का तरीका सुनिश्चित कर सकते हैं.

एक भरोसेमंद संरचना

राघवेंद्र नाथ का कहना है कि स्पेशल बच्चों के अभिभावकों के मामले में एक भरोसेमंद संरचना के जरिये वे कई उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं. इनमें से एक अपने स्पेशल बच्चे के स्वास्थ्य, खुशी, सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना है. एक ‘निजी परिवार ट्रस्ट’ स्पेशल बच्चे वाले परिवारों के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है. क्योंकि ऐसे ट्रस्ट का पहला बड़ा फायदा यह है कि दिव्यांग व्यक्ति के स्वयं सभी संपत्तियों का प्रबंधन करने के बजाय, निजी परिवार ट्रस्ट में नियुक्त ट्रस्टी उस जिम्मेदारी को उठाएगा. ट्रस्टियों को नियुक्त करने और हटाने के लिए कुछ विश्वसनीय व्यक्तियों को शक्ति दी जा सकती है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि ट्रस्टी विवेकपूर्ण तरीके से धन का प्रबंधन करते हैं. ट्रस्ट के दस्तावेज़ में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह निर्दिष्ट करते हुए निवेश प्रबंधन के सिद्धांतों का यथासंभव विस्तार से उल्लेख  किया जा सकता है. ट्रस्ट के माध्यम से अभिभावक वास्तव में योजना बना सकते हैं कि उनके स्पेशल बच्चे को उनके रहने के खर्च के लिए कितना पैसा दिया जाना चाहिए. किस प्रकार की नर्सिंग देखभाल प्रदान की जाएगी. घर और परिचारक कर्मचारियों के रखरखाव जैसी सहायक जरूरतों का ख्याल कैसे रखा जाएगा. किसी भी विशिष्ट आपातकालीन उद्देश्यों के लिए निकासी के लिए कुछ लचीलेपन की अनुमति होगी. इसके साथ ही एक निश्चित अवधि के बाद ट्रस्ट के विघटन की प्रक्रिया भी सुनिश्चित होनी चाहिए.

व्यापक ‘एस्टेट प्लान’ बनाना आवश्यक

यह देखते हुए कि ट्रस्ट को कानूनी समर्थन प्राप्त है, किसी भी तरह की गड़बड़ी, धोखाधड़ी, जबरदस्ती, कुप्रबंधन, असाधारण नुकसान आदि की संभावना बहुत कम हो जाती है. ट्रस्ट के मसौदे की एक मजबूत और बेहतर ढंग से तैयार संरचना होने से इस तरह की आशंकाओं से पूरी तरह से बचा सकता है. लोगों के मन में आने वाले प्रश्नों में से एक यह है कि वे ट्रस्टियों पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? क्या होगा अगर ट्रस्टी अपना काम ठीक से ना करें और ट्रस्ट का दुरुपयोग करें? यह एक जायज प्रश्न है और यही कारण है कि विशेषज्ञों को सही संरचना बनाने की आवश्यकता होती है, जहां ट्रस्टियों की निगरानी की जा सकती है या यदि आवश्यक हो तो उन्हें हटाया और बदला जा सकता है. ट्रस्ट, उसकी संपत्ति और लाभार्थियों के अधिकारों को सुरक्षित करने के कई तरीके हैं. एक योग्य और अनुभवी वकील या फर्म विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं. एक तरह से ‘निजी परिवार ट्रस्ट’ उसके निर्माताओं का प्रतिरूप होता है. जिस तरह से आप अपने बच्चों के साथ रोजमर्रा के दिनों में व्यवहार करते हैं, अपने पैसे का निवेश करते हैं, अपने पैसे खर्च करते हैं, वह सब इस ट्रस्ट के जरिये हो सकता है. ट्रस्ट के निर्माताओं के पास एक ऐसी संरचना तैयार करने के लिए सभी तरह का लचीलापन होता है जो उनके परिवार की स्थिति के हिसाब से बिल्कुल मुफीद हो. यदि किसी के घर में एक स्पेशल चाइल्‍ड है, तो उन्हें निश्चित रूप से एक व्यापक ‘एस्टेट प्लान’ बनाने पर विचार करना चाहिए और इसे टालने के बजाय तुरंत अमल में लाना चाहिए.