एजुकेशन

Published: Nov 19, 2020 08:52 AM IST

बालक पदकप्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती : बेसहारा बच्चे ने 14 साल की उम्र में जीते 110 पदक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

सोनीपत. प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती और यह बात बेसहारा बालक बादल(Badal)पर चरितार्थ होती है जिसने मात्र 14 वर्ष की आयु में ही विभिन्न क्षेत्रों में जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की स्पर्धाओं में 110 पदक जीते हैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारियों के अनुसार आईएएस अधिकारी अथवा एनडीए अधिकारी बनने की चाहत रखने वाले बादल ने जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की स्पर्धाओं में 110 पदक जीते हैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. रितु गिल के अनुसार मात्र दो वर्ष की आयु के बादल को उसके मामा द्वारा बाल देखभाल केंद्र सपना बाल कुंज (Sapna Bal Kunj) गोहाना में छोड़ा गया था।

अब बादल की आयु 14 वर्ष है। उसके बाद से अब तक कोई भी व्यक्ति बादल से दोबारा मिलने तक नहीं आया। दिए गए पते पर संपर्क करने पर परिजनों का कोई अता-पता नहीं चला। बाल संरक्षण अधिकारी (संस्थानिक) ममता शर्मा के अनुसार बादल इस समय ग्लोबल पब्लिक स्कूल गोहाना में आठवीं कक्षा का छात्र है। बादल चहुंमुखी प्रतिभा का धनी है और वह शिक्षा के साथ ही विभिन्न प्रकार की रचनात्मक एवं कलात्मक गतिविधियों तथा खेलकूद स्पर्धाओं में भी नाम कमा रहा है। बादल ने राष्ट्रीय स्तर पर 100 मीटर दौड़ व पेंटिंग आदि के पदक जीते हैं।

इसी प्रकार राज्य स्तर पर वह छह पदक जीत चुका है जिसमें स्वर्ण पदक भी शामिल है। बाल संरक्षण अधिकारी ममता का कहना है कि बादल मनोहारी पेंटिंग बनाता है और अवसर मिलने पर उनको बेचकर अपनी कला को निखारने के लिए जरूरी सामान का प्रबंध भी करता है। वह अपने स्तर पर भी आर्थिक संसाधन जुटाने का प्रयास करता रहता है। वह अपनी 50-60 पेंटिंग बेच चुका है। बादल ने हाल ही में चिल्ड्रन्स-डे स्पर्धा की फोटोग्राफी स्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। बादल ने कहा कि वह बेसहारा बच्चों के भविष्य को सुधारने की दिशा में प्रभावी रूप से काम करना चाहेगा।