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Published: Nov 18, 2020 01:05 PM IST

इस्लामिक स्टडीज स्टडीजरचा इतिहास : पहली बार हिन्दू स्टूडेंट बना 'इस्लामिक स्टडीज एंट्रेंस एग्जाम' का टॉपर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली. ‘सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट इन इस्लामिक स्टडीज’ (Central University Common Entrance Test) (CUCET) में टॉप कर राजस्थान के शुभम यादव (Shubham Yadav) ने नया कीर्तिमान रचा है। अलवर जिले के निवासी शुभम इस्लामिक स्टडीज की प्रवेश परीक्षा में टॉप करने वाले पहले गैर-मुस्लिम और गैर-कश्मीरी हैं। शुभम दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिलॉस्फी में ग्रेजुएट हैं। शुभम ने बताया कि, “वे धर्म विषय को बारीकी से जानना चाहते थे, समाज में कई गलत धारणाएं हैं, मेरा मानना है यह धर्म उनमें से एक है। हम अकसर कई विश्व नेताओं के मुंह से धर्म का जिक्र करते हुए सुना है तब मेरे मन में इसी विषय में अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन करने का विचार आया। मैंने धुव्रीकरण के माहौल को ठीक करने के लिए यह पढ़ाई चुनी है”। शुभम ने आगे बताया कि, उनके पिता बिजनेसमैन हैं और मां गृहणी हैं। दोनों ने उनके इस फैसले का समर्थन किया। 

शुभम ने कहा कि देश के 14 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में केवल कश्मीर के कॉलेजों में ही इस्लामिक स्टडीज के कोर्स को पढ़ाया जाता है। इसलिए मुझे वहां दो साल रहकर पढ़ाई  पूरी करनी थी। ऐसे में मेरे माता-पिता मेरी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित थे। कश्मीर जाने के बाद पता चला कि, वहां के लोग काफी फ्रेंडली हैं। मेरा मानना है कि हमें किसी समुदाय के प्रति कोई गलत धारणाएं नहीं रखनी चाहिए।

गौरतलब है कि, कई मुस्लिम युवक ‘जगद्गुरु रामानंद आचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी’ में पीएचडी कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी में विभागाध्यक्ष शास्त्री कोशलेन्द्र दास ने शुभम की सराहना करते हुए कहा, बिना किसी पूर्वाग्रह के किसी अन्य धर्म को गहराई से समझना सकारात्मक पहल है। कई अन्य समुदाय के छात्र हमारे विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ रहे हैं। इससे दो समुदायों के बीच की खाई कम होगी। राजस्थान यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग में दो असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दू हैं।