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Published: Sep 17, 2020 04:20 PM IST

NLSIUNLSIU, NLAT 2020 : न्यायालय 21 सितंबर को दायर याचिकाओं पर करेगा सुनवाई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली.  उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को कहा कि एनएलएसआईयू द्वारा अलग से प्रवेश परीक्षा एनएलएटी-2020 आयोजित करने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 21 सितंबर को आदेश सुनाया जायेगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी(एनएलएसआईयू),( National Law Aptitude Test) (NLAT)बेंगलुरू के पूर्व कुलपति आर वेंकट राव और एक छात्र के पिता की याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुये कहा कि इस पर 21 सितंबर को आदेश सुनाया जायेगा।

न्यायालय ने 11 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुये एनएलएसआईयू को 12 सितंबर को अलग से एनएलएटी-2020 प्रवेश परीक्षा के आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी थी, लेकिन उसे इस याचिका के लंबित होने के दौरान परीक्षा के नतीजे घोषित करने और किसी भी छात्र को प्रवेश देने से रोक दिया था। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये पीठ ने कहा था कि यह महत्वपूर्ण मामला है जिस पर फैसले की जरूरत है। साथ ही पीठ ने एनएलएसआईयू और इसके कुलपति प्रो सुधीर कृष्णास्वामी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था।

नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू के पूर्व कुलपति और अन्य ने अपनी याचिका में इस विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा अलग से कराने संबंधी अधिसूचना को पूरी तरह मनमाना और गैरकानूनी फैसला बताया गया था। याचिका में कहा गया था कि एनएलएसयूआई (National Law School of India University) (NLSIU)की इस कार्रवाई ने एक अप्रत्याशित अनिश्चितता पैदा कर दी है और छात्रों पर भी अनावश्यक बोझ डाल दिया है, जो अब भावी कार्यक्रम को लेकर अनिश्चय की स्थिति में हैं। याचिका में दलील दी गयी कि प्रवेश परीक्षा के रूप में नेशनल लॉ एप्टीट्यूड परीक्षा कराने का निर्णय बगैर किसी सोच विचार के लिया गया है और सनक भरी वजहों से लिये गये इस निर्णय ने अंतिम क्षणों में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुलपति प्रो सुधीर कृष्णस्वामी का यह निर्णय इसे सिर्फ कुलीन संस्था बनाने के इरादे से लिया गया फैसला है जो सिर्फ उन लोगों के हित साधेगा जो परीक्षा में शामिल हो सकेंगे जबकि इसने तमाम गरीब, सीमांत और उपेक्षित प्रत्याशियों की पूरी तरह अनदेखी की है।

याचिका में पांच साल के बीए, एलएलबी (ऑनर्स) कार्यक्रम 2020-21 में प्रवेश के लिये जारी चार सितंबर की अधिसूचना निरस्त करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के कंसोर्टियम ने 21 अप्रैल को क्लैट 2020 के लिये ऑनलाइन आवेदन की तारीख 18 मई तक बढ़ा दी थी और परीक्षा की तारीख भी 21 जुलाई तक के लिये स्थगित कर दी गयी थी। इसके बाद इसे एक जुलाई तक बढ़ाया गया और परीक्षाओं की तारीख भी बढ़ा दी गयी थी। याचिका के अनुसार, क्लैट 2020 की परीक्षा इसके बाद 28 सितंबर के लिये स्थगित कर दी गयी थी लेकिन एनएलएसआईयू ने जल्दबाजी में एकतरफा निर्णय लेते हुये बीए, एलएलबी कार्यक्रम में प्रवेश के लिये ऑनलाइन परीक्षा संबंधी अधिसूचना जारी कर दी।(एजेंसी)