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Published: Feb 22, 2024 12:39 PM ISTBihar Education News अब बिहार के कॉलेजों में नहीं होगी Intermediate की क्लास! 1 अप्रैल से पढ़ाई बंद, जानें सरकार ने क्यों उठाया 'ये' बड़ा कदम
पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) ने राज्य के विश्वविद्यालयों (Universities) से संबद्ध कॉलेजों में संचालित की जाने वाली इंटरमीडिएट (10+2) कक्षाओं (Intermediate Classes) को बंद करने की घोषणा की है। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने बुधवार देर शाम जारी एक अधिसूचना में कहा कि लगभग एक दशक पहले पटना विश्वविद्यालय में ऐसी कक्षाएं बंद कर दी गई थीं, लेकिन इस साल अप्रैल में शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से अन्य विश्वविद्यालयों के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में भी ये कक्षाएं बंद हो जाएंगी।
अधिसूचना के मुताबिक, नए सत्र से इंटरमीडिएट की शिक्षा (तीनों संकाय- कला, विज्ञान और वाणिज्य) अब केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ही दी जाएगी। विभाग ने यह भी कहा कि इंटरमीडिएट (प्लस टू) को कॉलेज से अलग करने की सिफारिश विश्वविद्यालय अधिनियम में की गई है, लेकिन उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और कर्मियों की कमी के कारण इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका था।
क्या है पूरा मामला?
इस संबंध में पहले ही राज्य राजपत्र में संकल्प अधिसूचित किया जा चुका है। 2007 में तत्कालीन नीतीश कुमार सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (1986/92) के अनुरूप कॉलेजों से इंटरमीडिएट शिक्षा को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का नीतिगत निर्णय लिया था और ‘10+2′ प्रारूप पेश किया था। अधिसूचना में कहा गया है कि विभाग ने पहले से ही बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास किया है और एक विशेष अभियान के तहत उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए 67,961 शिक्षकों और माध्यमिक विद्यालयों में अन्य 65,737 शिक्षकों की भर्ती की है।
सरकारी स्कूल अब इंटरमीडिएट शिक्षा को संभालने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, बिहार सरकार ने प्रत्येक पंचायत में भी एक उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने का नीतिगत निर्णय लिया था और मौजूदा माध्यमिक विद्यालयों को उन्नत बनाया था।
(एजेंसी)