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Published: Nov 08, 2019 08:58 AM IST

मनोरंजनReview : गंजेपन की समस्या से जूझ रहे लड़के की कहानी है फिल्म ''बाला''

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कलाकार : आयुष्मान खुराना,यामी गौतम,भूमि पेडनेकर,जावेद जाफरी,सौरभ शुक्ला

निर्देशक : अमर कौशिक

मुंबई, बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना लगातार हिट फिल्मे कर रहे. आज उनकी एक और फिल्म ‘बाला’ रिलीज हो गई . इस फिल्म को लेकर जबरदस्त बज बना हुआ है. इस साल आयुष्मान की ‘आर्टिकल 15’ और ‘ड्रीम गर्ल’ दोनों फिल्में रिलीज हुई. बॉक्स ऑफिस पर इन दोनों फिल्मों ने अच्छी कमाई की है. बात करें ‘बाला’ की, इस फिल्म की कहानी में बालमुकुंद उर्फ बाला (आयुष्मान खुराना) के बाल झड़ने के बाद उसकी जिन्दगी में क्या उथल-पुथल मच जाती है. यही इस फिल्म में दिखाया गया है. निर्देशक अमर कौशिक की ‘बाला’ लड़कों के गंजेपन की बात करती है. यह निर्देशक की चतुराई ही है कि वह एक तरफ गंजेपन की समस्या को डील करते हैं, तो दूसरी तरफ काली लड़की के प्रति समाज के संकीर्ण और हीन रवैये को बताना नहीं भूलते.

कहानी: बचपन में बालमुकुंद उर्फ बाला (आयुष्मान खुराना) के बाल घने और सिल्की थे और वह उन पर इतराया भी खूब करता था. मगर 25 साल की उम्र तक उसके सरे बाल झड़ने लग जाते है. बढ़ते गंजेपन के कारण बाला की बचपन की गर्लफ्रेंड उसे छोड़ कर चली जाती है. समाज में उसका मजाक बनता है. नौकरी में डिमोशन मिलता है और एग्जिक्यूटिव के पद से फेयरनेस क्रीम बेचने का काम दिया जाता है. उसकी शादी नहीं हो पाती. बालों को सिर का ताज समझनेवाला ‘बाला’ बालों को उगाने की जो सैकड़ों नुस्खे अपनाता है, वे भले हास्यास्पद या घिनौने हों, मगर बाला को यकीन है कि उसके बालों की बगिया एक दिन जरूर खिलेगी. हालांकि उसकी बचपन की स्कूल मेट लतिका (भूमि पेडनेकर) उसे बार-बार आईना दिखाने की कोशिश करती है, मगर वह लतिका से चिढ़ता है.

पेशे से जानी-मानी दबंग वकील लतिका काले रंग के कारण नकारी जाती रही है, मगर उसने कभी खुद को हीन महसूस नहीं किया. उधर बाल उगाने की हर तरकीब आजमा चुका बाला जब हेयर ट्रांसप्लांट के लिए खुद को तैयार करता है, तो उसे पता चलता है कि डायबिटीज के कारण उसे समस्या हो सकती है. हर तरह से हताश होने के बाद वह अपने पिता (सौरभ शुक्ला) द्वारा लाया हुआ विग पहनता है, तो उसका आत्मविश्वास लौटता है. उसी कॉन्फिडेंस के बल पर वह टिक टॉक स्टार परी (यामी गौतम) से अपने प्यार का इजहार करता है. बात शादी की मंजिल तक पहुंचती है, मगर परी बाला के गंजेपन से अनजान है. इस फिल्म के लेखक नीरेन भट्ट के ‘हेयर लॉस नहीं आइडेंटिटी लॉस हो रहा है हमारा’ जैसे वन लाइनर्स हंसाने में कामयाब रहते हैं.सचिन-जिगर के संगीत में बादशाह, शाल्मली, गुरदीप और सचिन-जिगर का गया ‘डोंट बी शाय’ गाना दर्शनीय बन पड़ा है. सहयोगी भूमिकाओं में सौरभ शुक्ला, जावेद जाफरी, सीमा पाहवा, दीपिका चिखलिया और अभिषेक बैनर्जी ने जमकर मनोरंजन किया है.

स्टार : पांच(5) में से साढ़े तीन(3.5) स्टार

अवधि : 2 घंटा 9 मिनट