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Published: Sep 30, 2021 03:04 PM IST

Exclusive Interview'हंसा पारेख' का किरदार आइकॉनिक है, 100 साल की हो जाऊं तो भी उसे मना नहीं करूंगी: सुप्रिया पाठक

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
सुप्रिया पाठक (Photo Credits: Instagram)

मुंबई: टीवी शो ‘खिचड़ी’ में हंसा पारेख का किरदार निभाकर लोगों को गुदगुदाने वाली अभिनेत्री सुप्रिया पाठक इस बार तापसी पन्नू स्टारर आगामी स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म ‘रश्मि रॉकेट’ में उनकी मां के एक गंभीर किरदार में दर्शकों के सामने हाजिर होंगी. अपने करियर में 55 से भी ज्यादा फिल्म और 20 से अधिक टीवी शोज में काम कर चुकी सुप्रिया 60 साल की उम्र में भी उसी जोश से के साथ दर्शकों का मनोरंजन करती दिख रही हैं. फिल्म ‘रश्मि रॉकेट’ और अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर नवभारत की दिए उनके इस विशेष इंटरव्यू के अंश पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं…

फिल्म में मैं तापसी पन्नू की मां के रोल में हूं जो मजबूती से उसे आगे बढ़ने में सपोर्ट करती है. मेरा ये किरदार एक ऐसी महिला का है बेहद जो मजबूत है और अपने गांव में महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को सुलझाती आई है. उसने अपनी बेटी को अपने आदर्शों और विश्वास से बड़ा किया है और उसे लड़ना सिखाया है. तो इस तरह से मेरा किरदार दर्शकों के लिए प्रेरणात्मक होगा.

नहीं, मुझे लगता है कि ये एक ड्रामेटिक कहानी है. इसके अलावा मुझे अन्य कोई जानकारी नहीं. ये फिल्म तापसी पन्नू के किरदार ‘रश्मि’ की कहानी है. तापसी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा? तापसी एक समर्पित और स्ट्रॉन्ग महिला के साथ ही बेहतरीन अदाकारा भी हैं. वो अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहकर काम करती हैं. एक दूसरे के साथ हम़ारा रिश्ता भी बेहद मजबूत है और उनके साथ काम करने में बड़ा मजा आया.

मुझे लगता है कि दर्शक अच्छी कहानी को देखना पसंद करते हैं. एक जैसी कहानियों का दौर अब खत्म हो रहा है जहां केवल मारधाड़ या रोमांटिक फिल्में बनती थी. ऑडियंस को एक सशक्त कहानी देखनी है फिर चाहे वो स्पोर्ट्स बायोपिक के रूप में ही क्यों न हो.

हां बिलकुल, अगर मैं 100 साल की हो जाउंगी फिर भी कोई कहेगा न कि ‘हंसा का रोल करोगी?’ तो मैं ‘हां’ ही कहूंगी क्योंकि वो एक ऐसा किरदार है जिससे मुझे अंदरूनी खुशी मिलती है. उस किरदार को निभाकर मैं बेहद खुशी महसूस करती हूं.

मुझे लगता है कि आजकल के बच्चों को गाइडेंस की जरूरत नहीं होती और वो खुद ही जानते हैं कि उन्हें क्या करना है. सना बेहद समझदार हैं और मुझसे कभी कोई सलाह नहीं मांगती हैं. हालांकि उसे पता है कि एक मां होने के नाते मैं उसे हमेशा सपोर्ट करूंगी. बात करें दोनों भाई-बहन (शाहिद-सना) की तो मैंने उनके रिश्ते में हस्तक्षेप नहीं करती. मुझे उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है क्योंकि मैं अपने कामों में मस्त हूं तो और प्रॉब्लम्स को मैं अपने सिर पर क्यों लूं?

मैं सोशल मीडिया वर्ल्ड से बिलकुल दूर हूं हालांकि कभी-कभी मेरा मन करता है कि मैं थोड़ा-बहुत इसका भी आनंद लूं. मैं इसका महत्व समझती हूं लेकिन मुझे लगता है कि जो मैं कहना चाहता हूं कि वो एक्टिंग के जरिये कर लेती हूं. इंस्टाग्राम मुझे समझ आता है लेकिन ट्विटर और फेसबुक मुझे पेचीदा लगता है.