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Published: Jan 07, 2021 03:52 PM IST

मनोरंजनकोरोना जागरूकता बिग बी पर पड़ा भारी, HC में जनहित याचिका दायर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ सावधानियों को लेकर मेगास्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की आवाज वाली कॉलर ट्यून हटाने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि वह खुद और उनके परिवार के कुछ सदस्य इस वायरस से संक्रमित हुए थे। यह याचिका मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए लायी गयी।

याचिका में कहा गया है कि कुछ प्रसिद्ध कोरोना योद्धा मुफ्त अपनी सेवाएं देने को इच्छुक थे। पीठ ने इसे 18 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया क्योंकि याचिकाकर्ता के वकील ने भौतिक सुनवाई के लिए पेश होने में असमर्थता जताई। दिल्ली निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए निवारक उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करने की खातिर अमिताभ बच्चन की आवाज का इस्तेमाल किया जबकि सुपरस्टार के साथ-साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इससे बच नहीं सके।

अधिवक्ताओं एके दुबे और पवन कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, “भारत सरकार कॉलर-ट्यून पर निवारक उपायों के संबंध में आवाज देने के लिए अमिताभ बच्चन को भुगतान कर रही है।” याचिका में कहा गया है, “कुछ कोरोना योद्धा हैं जो राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं और इस कठिन समय में गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं और साथ ही उन्हें भोजन, कपड़ा और आश्रय प्रदान कर रहे हैं तथा यहां यह उल्लेख करना अपरिहार्य है कि कुछ कोरोना योद्धाओं ने अपनी कम आय को भी गरीब और जरूरतमंद लोगों में बांट दिया।”

इसमें कहा गया है कि कुछ प्रसिद्ध कोरोना योद्धा अब भी बिना किसी भुगतान के अपनी सेवाएं देने और राष्ट्र की सेवा के लिए तैयार हैं । विभिन्न अदालतों में उनके खिलाफ लंबित कई मामलों का जिक्र करते हुए याचिका में आरोप लगाया गया है, “अमिताभ बच्चन का इतिहास बहुत साफ नहीं है और साथ ही वह सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते राष्ट्र की सेवा नहीं कर रहे हैं। ”

याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने नवंबर 2020 में अधिकारियों को ज्ञापन दिया लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया।