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Published: Nov 11, 2022 03:21 PM IST

SWA Awards 2022एसडब्ल्यूए अवार्ड से सन्मानित हुई रेणुका शहाणे, इवेंट में जावेद अख्तर-शबाना आज़मी भी आए नजर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: एंटरटेन्मेंट के तीनों माध्यमों- फिल्म, टीवी और ओटीटी के हिंदी भाषा के लेखकों-गीतकारों को वर्ष 2021 के श्रेष्ठ लेखन के लिए कथा, पटकथा, संवाद और गीत की श्रेणी में कुल 17 अवार्ड दिए गए। मुंबई के बांद्रा स्थित सेंट एंड्रयूज कॉलेज-ऑडिटोरियम में 9 नवंबर की शाम आयोजित यह अवार्ड समारोह एसडब्ल्यूए अवॉर्ड का तीसरा अवार्ड समारोह था। स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन की स्थापना के डायमंड जुबिली वर्ष के अवसर पर शुरू किये गए एसडब्ल्यूए अवार्ड समारोह के दो साल 2020 और 2021 कोरोना महामारी के चलते वर्चुअल आयोजित किये गए थे। ये पहला मौका था जब मंच पर मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के स्टार राइटर्स मंच पट उतरे। इस अवसर पर शबाना आज़मी, आशुतोष गोवारीकर, प्रकाश झा, विशाल भारद्वाज, कमलेश पांडे, विनय शुक्ला, विनोद पांडे, अंजुम रजबली समेत सैकड़ों की संख्या में लेखक, निर्देशक, निर्माता उपस्थित थे।    

यह भारत का एकमात्र ऐसा अवार्ड है, जो पूरी तरह से एंटरटेनमेंट के तीनों माध्यमों- फ़िल्म, टीवी और ओटीटी के लिए लिखने वाले स्क्रीनराइटर्स और गीतकारों को समर्पित है। इस अवार्ड की विशेषता यह है कि यह अवार्ड लोकप्रियता या टीआरपी के आधार पर नहीं, बल्कि मेरिट के आधार पर दिए जाते हैं। कथा पटकथा, संवाद और गीत की विभिन्न श्रेणियों में श्रेष्ठ का चयन कंटेन्ट और लेखन शिल्प के मानदंड पर कसे जाने के बाद किया जाता है। चयन अनुभवी लेखकों की जूरी द्वारा किया जाता है।   

स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन ने इस अवार्ड समारोह की शुरुआत इस लक्ष्य के साथ शुरू की है, अच्छे राइटर्स की पहचान की जाए और उन्हें सम्मानित किया जाय, ताकि निर्माताओं और चैनलों के बीच पहचान बढ़े और उन्हें बेहतरीन लिखने का मौका मिले। दर्शकों को भी देखने के विविधता भरा बेहतरीन कंटेन्ट मिले और उनका स्वस्थ मनोरंजन हो सके। अवॉर्ड समारोह रोचक बनाए रखने के लिए बाकी अवार्ड शो की तरह स्टारों का नाच गाना तो नहीं था, लेकिन नौटंकी स्टाइल में अवार्ड के बीच बीच में स्किट पेश किये गए, जिसमें संवाद और गीतों के माध्यम से हास्य, व्यंग्य और विनोद के पल रचे गए। इस स्किट की वजह से अवार्ड बाकी फिल्म व टीवी अवार्ड से अलग रहा और साथ ही साथ स्तरीय भी। 

अवार्ड समारोह में प्रस्तुत किये गए गीत और संवाद से गूँथे स्किट पर बात करते हुए अवार्ड के संयोजक श्री सत्यम त्रिपाठी ने कहा, “हम अपने अवॉर्ड समारोह को अलग करना चाहते हैं, इसलिए परंपरा से अलग नया सोचा और उसे सफलता पूर्वक साकार किया। हमने बिना भाषण दिए रोचक तरीके से स्क्रीनराइटर्स और उनकी समस्याओं के बारे बातें कहीं, जो बातें हमारे एसोसिएशन के उद्देश्य और कामकाज से भी जुड़ी हैं। इसके अलावा विषय को हमने परिवेश से जोड़ते हुए प्रस्तुत किया, जहां शुरुआत ऐंथम ‘आओ हाथ उठाएँ हम भी’ से की  वहीं करोनाकाल में स्क्रीनराईटर्स की परेशानियों को मार्मिक गीत ‘संकट अदृश्य बन के वो कीड़ा आ गया ’ से अभिव्यक्त किया गया। साथ ही हमने अपने हक हुकूक की बात भी की है और नए दौर में सोशल मीडिया फ़्रेंडली होने पर भी ‘पी आर करो कुछ यार करो’ गीत के माध्यम से चुटकी ली है। कुल मिलाकर हमने एक ऐसी मस्ती भरी शाम सजायी, जिसमें मस्ती में हुनर का दिलचस्प मिश्रण है। 

 

इस थिएटर ऐक्ट को अमित आर्यन और शैली मिलकर लिखा है।  जबकि गीत  शैली और सत्यम त्रिपाठी ने लिखे थे। संगीत से सजाया था उद्भव ओझा ने और निर्देशित किया था धर्मेश मेहता ने। अवार्ड देने का क्रम शुरू करने से पहले  एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रख्यात लेखक रॉबिन भट्ट और जनरल सेक्रेटरी जमा हबीब ने आए हुए राइटर्स का स्वागत किया और एसोसिएशन द्वारा शुरू किये इस अवार्ड के औचित्य और महत्ता पर संबोधन दिया।