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Published: Dec 17, 2021 05:14 PM IST

India Corona Updateदेश के 11 राज्यों में मिले 101 ओमीक्रॉन के मामले, ICMR प्रमुख ने कहा- डेल्टा के मुकाबले ज्यादा तेजी से फैलेगा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: देश में ओमीक्रॉन वैरियंट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि, “अभी तक 11 राज्यों से कुल 101 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं यह वेरियंट लगातार अन्य जगहों पर भी बढ़ता जा रहा है।”

91 देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट का खतरा 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि, “दुनिया के 91 देशों में ओमिक्रॉन संस्करण की सूचना दी गई। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि, “ओमीक्रॉन दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से फैल रहा है जहां डेल्टा परिसंचरण कम था। यह संभावना है कि ओमाइक्रोन डेल्टा संस्करण से आगे निकल जाएगा जहां सामुदायिक प्रसारण होता है।”

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “पिछले 20 दिनों से नए दैनिक मामले 10,000 से नीचे दर्ज किए गए। पिछले 1 हफ्ते से केस पॉजिटिविटी 0.65% थी। वर्तमान में, केरल देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या में 40.31% का योगदान देता है।”

दुनिया का सबसे तेज टीकाकरण

देश में चल रहे टीकाकरण पर अग्रवाल ने कहा, “भारत दुनिया में उच्चतम दर पर COVID19 वैक्सीन खुराक का प्रशासन कर रहा है और प्रशासित खुराक की दैनिक दर संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रशासित खुराक की दर से 4.8 गुना और यूके में प्रशासित खुराक की दर से 12.5 गुना है।”

सामूहिक समारोहों से बचने का समय

COVID19 के ओमाइक्रोन वेरिएंट पर आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव ने लोगों को आगाह करते हुए गैर जरुरी यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “यह गैर-जरूरी यात्रा, सामूहिक समारोहों से बचने का समय है और कम तीव्रता वाले उत्सवों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने कहा, “यूरोप में COVID19 महामारी के एक नए चरण का अनुभव किया जा रहा है जिसमें मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है।”

प्रत्येक नमूने का जीनोम अनुक्रमण संभव नहीं

आईसीएमआर प्रमुख ने आगे कहा, “प्रत्येक नमूने का जीनोम अनुक्रमण संभव नहीं है। यह एक निगरानी और महामारी मूल्यांकन और ट्रैकिंग उपकरण है, न कि अभी तक एक नैदानिक उपकरण। हम आश्वस्त कर सकते हैं कि पर्याप्त व्यवस्थित नमूना लिया जा रहा है।”

एंटी-वायरल COVID19 गोलियों पर चर्चा

डॉ भार्गव ने कहा, “हम इन एंटी-वायरल COVID19 गोलियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं। हमने पाया है कि इन गोलियों को रोग के निदान से पहले ही बहुत जल्दी दिया जाना चाहिए। वैज्ञानिक डेटा अभी भी बड़े पैमाने पर समर्थित नहीं है कि गोलियां इस समय उपयोगी होंगी।”